9 साल से सत्ता से बेदखल बीजेपी को नरेंद्र मोदी में अपना भविष्य दिखता है. लेकिन मोदी के भविष्य के सामने इशरत जहां का 9 साल पुराना फर्जी एनकाउंटर मामला आ खड़ा हुआ है. हालांकि सीबीआई की चार्जशीट में सिर्फ 7 पुलिसवालों का ही नाम है, लेकिन देर-सबेर इसकी आंच नरेंद्र मोदी और उनके सबसे प्रिय पात्र अमित शाह तक पहुंच सकती है.
सवाल मोदी पर भी उठ रहे हैं क्योंकि जिस वक्त इशरत जहां का एनकाउंटर हुआ था, उस वक्त गुजरात का गृह मंत्रालय भी मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही था. जबकि गृह राज्य मंत्री उनके सबसे भरोसेमंद सहयोगी अमित शाह थे, जिन्हें मोदी ने इन दिनों बीजेपी का उत्तर प्रदेश प्रभारी बनवा रखा है. अब सवाल है कि क्या अपने ही पुलिसवालों के इतने संगीन मामले की कोई भी भनक सरकार को नहीं थी. और अगर नहीं थी तो मामले की शुरू में ही निष्पक्ष जांच कराने की कोशिश क्यों नहीं हुई. जवाब किसी के पास नहीं है.
मोदी पर सवाल इस लिए भी उठ रहे हैं कि सीबीआई का दावा है कि मोदी और अमित शाह की जानकारी का सबूत है. सीबीआई ये साबित करने में जुटी है कि ये मुठभेड़ फर्जी थी औऱ इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके करीबी अमित शाह को पहले से थी. सीबीआई का दावा है कि उनके पास पुलिस के कुछ ऐसे गवाह भी हैं जिनके पास वो रिकॉर्डिंग है जिसमें डीआईजी वंजारा ने आईबी अधिकारी राजेन्द्र कुमार को इशारों में बताया था कि मोदी और अमित शाह को मुठभेड़ की पूरी जानकारी है. लेकिन बीजेपी कह रही है कि मोदी तो बेदाग हैं, नाहक कांग्रेस गंदा खेल कर रही है. मोदी 2014 के लिए देशव्यापी अभियान पर निकल पड़े हैं. अपने बने-बनाए विकास पुरुष की छवि लेकर. लेकिन इशरत जहां कांड मोदी की छवि पर पहले से लगे दाग को और गहरा कर सकता है.
सियासी बवाल शुरू
इशरत एनकाउंटर पर सीबीआई की चार्जशीट पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. इशरत के एनकाउंटर को फर्जी बताने पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को घेर लिय़ा है तो बीजेपी ने भी कांग्रेस पर जबर्दस्त पलटवार किया है.
सीबीआई ने इशरत जहां एनकाउंटर को फर्जी बताया तो कांग्रेस ने गुजरात सरकार पर हमला बोल दिया. गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी का नाम ना होने के बावजूद मोदी पर कांग्रेसी हमला तेज था. उधर, पलटवार करने में बीजेपी ने भी देर नहीं की. बीजेपी के निशाने पर थी केंद्र सरकार. सीबीआई चार्जशीट ने जेडीयू को भी मौका दे दिया मोदी पर हमला बोलने का. लेफ्ट भी पीछे नहीं रही. साफ दिख रहा है सीबीआई चार्जशीट पर सियासी वार शुरू हो गया है. हो भी क्यों ना, 2014 जो करीब है.