गंगा दशहरा यानी मां गंगा के धरती पर आने का दिन. यह दिन है कामनाओं को पूरा करने का और मां से वरदान पाने का. इस बार यह पर्व सोमवार, 21 जून 2010 को मनाया जा रहा है. इस मौके पर पतित पावनी गंगा में लगाई गई एक डुबकी से आपकी किस्मत बदल सकती है. इस बार चित्रा नक्षत्र सोमवार को पड़ने की वजह से गंगा दशहरा पर आपको मिल सकता है दस गुना अधिक फल.
इस पावन मौके के लिए कुछ खास बातें नीचे बताई जा रही हैं, जो आपके जीवन के कष्टों का निवारण कर ला सकती हैं नया सवेरा:
• प्रातः काल गंगा में 10 डुबकी लगाएं.
• घर में हों तो पानी में गंगाजल डालकर 10 लोटे जल डालें.
• सूर्य के अर्ध्य दें.
• मकरवाहिनी गंगा का चित्र रखकर पूजा करें.
• पूजा में 10 तरह के फूल, फल, मिठाई चढ़ाएं.
• धूप, दीप, नवैद्य अर्पित करें.
• ऊं ऐं ह्रीं श्रीं भगवती गंगे नमो नम: मंत्र के एक माला जप करें.
• 10 ब्राह्मणों को वस्त्र दान करें.
• लक्ष्मी पीपल का पेड़ लगाएं.
ऐसा करने से सुख-सौभाग्य घर में बढ़ जाएगा और धन की वर्षा होगी.{mospagebreak}नौकरी में उन्नति के लिए क्या करें:
• प्रात: 5 बजे से लेकर 9.55 बजे के बीच गंगा में स्नान करें.
• पूर्व की मुख कर 10 डुबकी लगाएं.
• सूर्य को अर्ध्य दें.
• बड़ों को प्रणाम करें.
• शिव शक्ति की आराधना करें.
• शिव पर जलाभिषेक कर चंदन, बेलपत्र, दूर्वा, नैवेद्य अर्पित करें.
• ऊं गं सिद्धिदात्री गंगा देव्यै नम: मंत्र के एक माला का जाप करे.
• 10 कन्याओं को मिठाई खिलाएं.
• जामुन का पेड़ लगाएं.
ऐसा करने से अस्थायी काम स्थायी में बदल जाएगा.{mospagebreak}कारोबार में वृद्धि के लिए क्या करें:
• प्रात: पश्चिम की ओर मुखकर गंगा में 16 डुबकी लगाएं.
• लोटे में पीली हल्दी या केसर डालकर सूर्य को अर्ध्य दें.
• गंगा के चित्र के साथ लक्ष्मी गणेश का पूजन करें.
• पंचामृत से स्नान करायें.
• जस से स्नान करायें.
• इत्र, वस्त्र, जनेऊ कुमकुम मेहंदी, दूर्वा चढ़ाएं.
• धूप, दीप, नैवेद्य, से आरती करें.
• लक्ष्मी, स्तुति, या गणेश स्त्रोत का पाठ करें.
• ऊं मकर वाहिन्यै लक्ष्मी सह भागिन्यै गंगायै नम: मंत्र एक माला जप करें.
• 10 ब्रह्मणों को दाहिने हाथ से सोलह मुट्ठी जौ, चावल, छाता दान करें.
• अनार का पेड़ लगाएं
ये उपाय करने से आपके सभी बंद काम चालू हो जाएंगे और कारोबार भी चमक उठेगा.{mospagebreak}
मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी:
• पूर्व की ओर मुख कर गंगा में 16 डुबकी लगाएं.
• सूर्य को अर्ध्य दें.
• शिव की शक्ति की पूजा करें.
• अभिषेक के बाद इत्र, वस्त्र, रोली, मौली फूल दूर्वा चढ़ाएं.
• धूप, दीप, नैवेद्य से आरती करें.
• ऊं कं कामेश्वर्यै गंगायै नम: मंत्र की एक माला जाप करें.
• बूढ़े, गरीबों की सेवा करें.
• कदंब का पेड़ लगाएं.
• चावल, आटा, दाल चीनी गरीबों को दान दें.{mospagebreak}पति-पत्नी के संबंधों में सुधार:
• प्रात:काल गंगा मं 10 डुबकी लगाएं.
• लोटे में लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्ध्य दें.
• मकरवाहिनी गंगा की पूजा करें.
• धूप, दीप, फूल, नैवेद्य, चढ़ाकर प्रार्थाना करें.
• ऊं मातु गंगे हिलि हिलि मिलि मिलि माम पावय पावय स्वाहा मंत्र की एक माला जाप करें.
• 10 ब्राह्मणों को आटा, दाल, चीनी, सफेद वस्त्र दाने दें.
• पति-पत्नी में प्रेम बढ़ेगा.
• परिवार में खुशहाली बढ़ेगी.{mospagebreak}संतान की होगी प्राप्ति:
• पति-पत्नी दोनों उत्तर की ओर मुखकर 16 डुबकियां लगाएं.
• गंगा में स्नान होकर ही पूर्व की ओर मुखकर सूर्य को अर्ध्य दें.
• शिव का रुद्राभिषेक गंगाजल, पंचामृत, पंचगव्य से करें.
• इत्र, चंदन, रोली, भस्म, मौली, बेलपत्र, फल वस्त्र चढ़ाएं.
• पीले रंग के फूलो की माला पहनायें.
• शिव की स्तुति करें.
• ऊं कं कामेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें
• तीना माला जप करें
• गाय को गुड़ खिलायें.
• पक्षियों को सवा किलो बाजरे का दाना खिलायें.
• हरसिंगार का पेड़ लगाएं.
• संतान की किलकारियां गूंजेंगी.{mospagebreak}सेहत में होगा सुधार:
• प्रात: गंगा में उत्तर की ओर मुखकर 12 डुबकी लगाएं.
• अधिक बीमार हों तो गंगा का स्मरण करें.
• गंगाजल से आचमन करें.
• अपने शरीर पर बारह बार जल छिड़कें.
• गंगा का मानसिक ध्यान, पूजन करें.
• शिव का अभिषेक करें.
• चंदन, अक्षत, भस्म, बेलपत्र, फल अर्पित करें.
• धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाएं.
• ऊं जूं सं: त्र्यंबकम गंगाधरायै शिवाय नम: मंत्र की एक माला जप करें.
• बेलपत्र का पेड़ लगाए.
ऐसा करने से असाध्य रोगों के मुक्ति मिलेगी.{mospagebreak}बिगड़े काम बनेंगे:
• प्रात:काल गंगा में 10 डुबकी लगाएं.
• भीगे वस्त्रों में ही सूर्य को अर्ध्य दें.
• खड़े होकर प्रार्थना करें.
• ऊं मा गंगे मम उद्धारण्यै नम: मंत्र की एक माला का जाप करें.
• ब्राह्मणों को अन्न दाने करें.
• पक्षियों को दाना खिलाएं.
• नीम का पेड़ लगाएं.
ऐसा करने से सभी बिगड़े काम बन जाएंगे और पितृ दोष कट जाएंगे.{mospagebreak}पति की लंबी आयु:
• गंगा में उत्तर की ओर मुखकर 10 डुबकी लगाएं.
• पूर्व की मुखकर सूर्य को अर्ध्य दें.
• गंगा का चित्र और गौरी गणेश का चित्र रखें.
• सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी चूड़िया चुन्नी और नारियल चढ़ाएं.
• धूप, दीप, नैवैद्य, से आरती करें.
• ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय़ै विच्चे मंत्र की एक माला का जाप करें.
• 16 कन्याओं को चुन्नी, बिंदी, चूड़िया, मिटाईयां दान करें.
• गुड़हल का पेड़ लगाएं.{mospagebreak}अकाल मृत्यु का योग टलेगा:
• प्रात: गंगा में दक्षिण की ओर मुखकर 12 डुबकी लगाएं.
• लोटें में एक मुट्ठी काला तिल डालें.
• सूर्य को अर्ध्य दें.
• शिव का अभिषेत कर इत्र, चंदन, रोली, भस्म वस्त्र चढ़ाएं.
• धूप दीप, नैवेद्य से आरती करें.
• ऊं त्र्यंबकम यजामहे अकाल मृत्यु हारिण्यै नम: मंत्र की एक माला जाप करें.
• बेल का पेड़ लगायें.
ऐसा करने से अकाल मृत्यु योग टल जाएगा.