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पुलिस को 2700 से ज्यादा फर्जी कॉल कर हुई गिरफ्तार, बताई हैरान करने वाली वजह

जापान में एक महिला को पुलिस को 2700 से ज्यादा फर्जी कॉल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. महिला ने ऐसा कपने के पीछे जो वजह बताई वह जितना हैरान करती है, उतना ही निराश भी कर देती है.

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फोटो- Getty Images
फोटो- Getty Images

जापान से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने एक महिला को इसलिए गिरफ्तार किया है क्योंकि उसने पुलिस को ढाई हजार से ज्यादा फर्जी इमरजेंसी कॉल किए थे. पुलिस ने गुरुवार को टोक्यो के पूर्व में चिबा प्रान्त में मात्सुडो की 51 वर्षीय निरोको हतागामी को गिरफ्तार किया है.

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पुलिस को किए 2,761 फर्जी कॉल
 
महिला ने पुलिस को लगभग  2,761 कॉल किए थे. साथ ही उसपर स्थानीय अग्निशमन विभाग के कार्यों में बाधा डालने का भी आरोप है. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि महिला ने अगस्त 2020 और मई 2023 के बीच कम से कम दो साल और नौ महीने तक अपने मोबाइल से और अन्य माध्यमों से कॉल की.

क्यों बार- बार कॉल कर रही थी?

स्थानीय प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उसने स्वीकार किया कि वह अपने घर और आस-पड़ोस के अन्य स्थानों से कॉल कर रही थी. सवाल उठता है कि महिला ऐसा क्यों कर रही थी. महिला ने इसके जवाब में कहा है कि वह 'अकेलापन महसूस करती थी और चाहती थी कि कोई तो मेरी बात सुने... और मेरी ओर ध्यान दे.' 

पुलिस से की पेट और पैर दर्द की शिकायत

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बताया जा रहा है कि महिला ने जब पुलिस को कॉल किए थे तब उसने फोन पर अधिकारियों से पेट में दर्द, नशीली दवाओं के ओवरडोज़, पैरों में दर्द और अन्य लक्षणों की शिकायत की थी.
 
'मैंने तो कोई कॉल नहीं किया'

वहीं जब स्थानीय सेवाएं उसके पास आती थी तो वह बार-बार चिकित्सा सहायता से इनकार कर देती थी. साथ ही वह कोई कॉल करने की बात से भी साफ इंकार कर देती थी और कहती थी- मैंने तो कोई कॉल नहीं किया.  उसकी गिरफ्तारी मात्सुडो अग्निशमन विभाग द्वारा 20 जून को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद हुई.

खतरनाक अकेलेपन से पीड़ित हैं 10 लाख से ज्यादा लोग

स्टडीज में पता चला है कि जापान में लगभग 1.5 मिलियन लोग खतरनाक अकेलेपन से पीड़ित हैं, जिसका स्तर COVID-19 के बाद से और भी बढ़ गया है. निरोको का मामला रैम्सगेट की चार्लोट वॉकिनशॉ की याद दिलाता है, जिन्हें अगस्त 2022 में आपातकालीन सेवाओं में से 30 से अधिक को  फर्जी कॉल करने के बाद दो साल की जेल हुई थी. तब बचाव पक्ष ने तर्क दिया था कि वॉकिन्शॉ को अपने जीवन में कई बार डिप्रेशन का सामना करना पड़ा, जिसके लिए न्यायाधीश ने 'बड़ी सहानुभूति' की पेशकश की.
 

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