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महिला कर्मचारी लंच ब्रेक पर गईं और इसकी वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. लेकिन, अब महिला को इसके बदले बतौर मुआवजा 12 लाख रुपए मिले हैं. इस मामले की सुनवाई इम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में हुई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला कर्मचारी ट्रेसी शेरवुड (Tracie Shearwood) ब्रिटेन के वेस्ट मिडलैंड्स के डुडले में मौजूद 'लीन एजुकेशन एंड डेवलपमेंट' में कार्यरत थीं. वह दो सहकर्मियों के साथ लंच पर चली गई थीं. इसी बात से मैनेजिंग डायरेक्टर मैक्सिन जोंस (Maxine Jones) तैश में आ गईं.
इम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल की सुनवाई में सामने आया कि मैनेजिंग डायरेक्टर मैक्सिन जोंस ने कहा कि बिजनेस में संकट के समय ट्रेसी ने लंच पर जाकर 'बेइमानी' का परिचय दिया. सुनवाई में यह भी कहा गया कि ट्रेसी अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं थीं. ट्रेसी को इसके बाद अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग फर्म से उनके आचरण की वजह से निकाल दिया गया.
हाालंकि, इस मामले में फैसला कर्मचारी ट्रेसी के पक्ष में आया. ट्रेसी ने अपने नियोक्ता के विरोध में शिकायत की. फिर उन्हें अनुचित बर्खास्तगी की वजह से 12 लाख रुपए का मुआवजा मिला.
2018 में महिला को नौकरी से निकाला गया था. उस समय कंपनी का ऑडिट ठीक से नहीं हुआ था और रिकॉर्ड में भी गलतियां थीं. तभी, ट्रेसी को प्रमोशन देकर 'हेड ऑफ कम्प्लाइंस' बनाया गया था. सुनवाई में यह भी बताया गया कि मैनेजिंग डायरेक्टर मैक्सिन जोंस ने इसी दौरान अपने कर्मचारियों पर दवाब बनाने के लिए एक 'नाटकीय' ईमेल लिखा था और कहा था कि बिजनेस बंद हो सकता है.
करीब एक महीने बाद ट्रेसी शेरवुड को निकाल दिया गया, उनको सस्पेंड करने के साथ अनुशासनात्मक मीटिंग में भी पेश होने के लिए कहा गया था. कंपनी के इस फैसले के बाद ट्रेसी परेशान हो गईं और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद उनका निलंबन स्थगित कर दिया गया.
निलंबन स्थगन होने के एक दिन बाद ही मैनेजिंग डायरेक्टर मैक्सिन जोंस, ट्रेसी शेरवुड और दो अन्य कर्मचारियों के लंच पर जाने की वजह से गुस्से में आ गईं. सुनवाई में बताया गया कि मैक्सिन ने इस दौरान एक मीटिंग की और तीनों से कहा कि वे अपनी नौकरी के प्रति जिम्मेदार नहीं है.
इसके बाद फिर से ट्रेसी शेरवुड को मैक्सिन जोंस ने सस्पेंड कर दिया. एक बार फिर सितंबर 2018 में अनुशानात्मक मीटिंग हुई, जिसमें ट्रेसी पर पेपरवर्क के दौरान लापहरवाही बरतने का आरोप लगाया गया.
हालांकि, इन सभी बातों पर ट्रिब्यूनल ने फैसले में कहा कि कंपनी ने जो भी आरोप लगाए हैं वे कहीं से भी उचित नहीं हैं. ट्रिब्यूनल ने ट्रेसी को नौकरी से निकालने के फैसले को अनुचित करार दिया.