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सांस लेने में हो रही थी दिक्कत, जांच कराई तो डॉक्टर रह गए हैरान, काटनी पड़ी महिला की जीभ

एक महिला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उसने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टरों ने बताया कि कैटलिन को गंभीर एलर्जी रिएक्शन है और इलाज शुरू कर दिया. लेकिन महिला का हालत नहीं सुधरी. इसके बाद एक अन्य डॉक्टर ने मुसीबत की जड़ को पकड़ लिया और महिला का ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई. इलात में महिला की जुबान का एक हिस्सा काटना पड़ा.

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फोटो- इंस्टाग्राम
फोटो- इंस्टाग्राम

हम अक्सर स्वास्थ्य की किसी दिक्कत को मामूली समझ लेते हैं लेकिन कभी- कभी वह बड़ी मुसीबत की जड़ बन जाती है. 23 साल की कैटलिन एल्सॉप (Caitlin Alsop) नाम की महिला के साथ भी कुछ ऐसा हुआ. उसे एक दिन खाना खाते हुए अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी.  जब वो भागी-भागी डॉक्टर के पास पहुंची तो डॉक्टर ने इसे वायरल फ्लू समझ लिया.

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इलाज पर भी नहीं दिखा कोई सुधार

डॉक्टरों ने मान लिया कि कैटलिन को गंभीर एलर्जी रिएक्शन है, जिसे एनाफिलेक्सिस कहा जाता है. इसके लिए उन्होंने उसका इलाज किया, इसलिए उसे एड्रेनालाईन और स्टेरॉयड की भरपूर खुराक दी गई, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ.

जीभ काली हो गई, बार- बार बेहोश होने लगी

कैटलिन ने बताया कि उसकी जीभ सूजकर काली हो गई थी. उसे लग रहा था कि उसने शायद अपनी जीभ काट ली है. वह बार - बार बेहोश हो रही थी. अंत में एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि  यह लुडविग एनजाइना हो सकता है." यह एक दुर्लभ जीवाणु संक्रमण है जो आपकी गर्दन और आपके मुंह के निचले हिस्से को प्रभावित करता है, जो फंसे हुए अकल दाढ़ के कारण होता है. कैटलिन के मामले में, इससे सेप्सिस हो गया था. इसके चलते ऑर्गन फेलियर की स्थिति आ जाती है या ये जानलेवा हो सकता है.

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'जीभ का एक हिस्सा काटना पड़ा'

अब इलाज शुरू हुआ तो कैटलिन को उसकी ऑक्सीजन को संरक्षित करने के लिए कोमा में रखा गया था, जबकि समस्या वाले दांत के साथ-साथ एक अन्य अक्ल दाढ़ को भी बाहर निकाल दिया गया.  वहीं सूजन से राहत दिलाने के लिए उसके गले में नालियां काट दी गई थीं. जब वह उठी तो कैटलिन को बताया गया कि उसकी जान बचाने के लिए उसकी जीभ का एक हिस्सा काट दिया गया है और अब वह कभी नहीं बोल पाएगी.

'आज भी इंफेक्शन से लगता है डर'

कैटलिन ने आगे बताया, "हालांकि मैं तुतलाकर बात कर सकती हूं और मुझे फिर से बात करना और खाना सीखना है. लेकिन इस परेशानी को समय से पकड़ने वाले डॉक्टर का शुक्रिया करना चाहती हूं. उसे याददाश्त में कठिनाई होती है, जो कोमा में जाने का एक सामान्य दुष्प्रभाव है. उसने कहा कि चार साल बीत गए हैं लेकिन वह अब भी हर बार छोटे मोटे संक्रमण होने पर डरती है, उसे डर है कि उसका शरीर "फिर से काम करना बंद कर देगा", लेकिन वह सेप्सिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने को अपना मिशन बना रही है.

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