एक महिला ने कैंसर का बहाना बनाया. इलाज के नाम पर डोनेशन के जरिए उसने करीब 80 लाख रुपए जुटा लिए. मामला कोर्ट तक पहुंचा. सुनवाई के दौरान महिला को मामले में दोषी पाया गया. जिसके बाद उसे 5 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.
अमेरिका के सैन जोस की रहनेवाली अमांडा रिले ने अपने हॉजकिन लिंफोमा डायग्नोसिस के बारे में झूठ बोला. साल 2012 में उन्होंने बीमारी के इलाज के लिए डोनेशन की मांग की थी. यहां तक की रिले, सोशल मीडिया पेज बनाकर अपने झूठे इलाज की ब्लॉगिंग भी करती थी. लोगों को उसपर शक ना हो इसलिए उसने अपने बाल भी शेव करवा लिए थे.
कैंसर के इलाज के नाम पर जुटाए गए करीब 80 लाख रुपयों को रिले अपने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में खर्च करने लगी.
साल 2012 में रिले ने अपनी बीमारी को लेकर झूठा कैंपेन शुरू किया था. तब सोशल मीडिया पर वह खुद की फोटो पोस्ट किया करती थी और कैंसर के इलाज के बारे में बात करती दिखती थी. वह इलाज के झूठे मेडिकल डाक्यूमेंट्स और डॉक्टरों के फर्जी रिपोर्ट्स भी शेयर करती थी. ताकि वह बीमारी को रियल दिखा सके.
महिला, कीमोथेरेपी और रेडिएशन के लिए लोगों से पैसे मांग रही थी. डोनेशन में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सारे पैसे महिला के पर्सनल बैंक अकाउंट में भेजे गए. यहां तक कि रिले की फैमिली को भी यही लगा कि उसे सच में कैंसर हुआ है. जिसके बाद वे लोग रिले के साथ खड़े दिखे.
साल 2019 में रिले के राज से इंटरनल रेवेन्यू सर्विस ने पर्दा उठा दिया. जिसके बाद साल 2020 में उस पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा. रिले ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. बताया कि सितंबर 2012 से जनवरी 2019 के बीच 7 सालों में उसने झूठे दावे कर अनजान लोगों से लाखों रुपए ठग लिए.
रिले को अपनी इस गलती की वजह से अपना जॉब भी खोना पड़ा. वह पहले Pac Point Christina Academy में प्रिंसिपल थी. अब 37 साल की रिले को सभी लोगों के पैसे लौटाने का फैसला सुनाया गया. इसके अलावा उसे 5 साल जेल में भी गुजारना होगा. जेल से बाहर आने के बाद भी वह 3 सालों तक निगरानी में रहेगी.