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500 दिन तक 230 फीट गहरी गुफा में रही महिला, अब निकली बाहर तो बदल गई दुनिया!

महिला ने 230 फीट गहरी गुफा में अकेले ही 500 दिन बिताए. इस दौरान उसने अपने दो बर्थडे भी गुफा में ही मनाए. हालांकि, सपोर्ट के लिए एक टीम हर समय बाहर से उसकी निगरानी कर रही थी. इन 500 दिनों में महिला ने करीब 1000 लीटर पानी पिया. लेकिन स्नान नहीं कर सकी. 

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करीब डेढ़ साल गुफा में रही महिला (फोटो क्रेडिट- रॉयटर्स)
करीब डेढ़ साल गुफा में रही महिला (फोटो क्रेडिट- रॉयटर्स)

एक महिला ने 500 दिनों तक दुनिया से अलग-थलग रहने का फैसला कर लिया. वो परिवार, दोस्त, समाज सबसे दूर एक सुनसान गुफा में अकेली रहने लगी. हाल ही में जब महिला 230 फीट गहरी गुफा से बाहर निकली तो सब कुछ बदल चुका था. उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामला स्पेन का है. 

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेन की रहने वाली इस महिला का नाम बीट्रिज फ्लेमिनी (Beatriz Flamini) है. पर्वतारोही बीट्रिज जब 48 साल की थीं, तब उन्होंने एक रिसर्च के लिए गुफा में जाने का फैसला किया था. वो 20 नवंबर 2021 से लेकर 14 अप्रैल 2023 तक Granada की 230 फीट गहरी गुफा में रहीं. करीब डेढ़ साल बाद उनका एक वीडियो बीते दिन सामने आया, जिसमें उन्हें गुफा से बाहर निकलते हुए दिखाया गया. 

बाहर निकली तो बदल गई दुनिया!

जब बीट्रिज ने गुफा में रहने का निर्णय लिया था तब ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय जिंदा थीं. रूस-यूक्रेन युद्ध भी नहीं शुरू हुआ था. कोरोना दुनिया पर कहर ढा रहा था. ऐसे में अब गुफा से बाहर निकलने पर बीट्रिज को लग रहा है कि जैसे दुनिया बदल गई है. बाहर आकर बीट्रिज ने कहा- गुफा में रहते हुए अपनी भावनाओं पर काबू रखा. डरी मगर घबराई नहीं. मैंने मन में खूब बातचीत की. 

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230 फीट गहरी गुफा में बिताए 500 दिन 

बीट्रिज ने 230 फीट गहरी गुफा में अकेले ही 500 दिन बिताए. इस दौरान उन्होंने अपने दो बर्थडे भी गुफा में ही मनाए. हालांकि, सपोर्ट के लिए एक टीम हर समय बाहर से उनकी निगरानी कर रही थी. गुफा के अंदर बीट्रिज का ज़्यादातर वक्त व्यायाम करने में बीतता. इसके अलावा वो ड्रॉइंग करतीं, कपड़े बुनती और किताबें पढ़तीं. इन 500 दिनों में बीट्रिज ने करीब 1000 लीटर पानी पिया. लेकिन स्नान नहीं कर सकीं. 

गुफा में जाने के पीछे का मकसद 

दरअसल, कुछ साइकोलॉजिस्ट, रिसर्चर और गुफाओं पर शोध करने वाले लोग मिलकर एक स्टडी कर रहे थे, जिसका मकसद इंसानी बॉडी और दिमाग की क्षमताओं को जानना था. स्टडी के जरिए ये पता लगाया गया कि सुनसान जगहों (गुफा, जंगल आदि) में अकेले रहने से इंसान के शरीर और उसके हावभाव में क्या परिवर्तन आते हैं. इसी के लिए बीट्रिज गुफा में रहने के लिए तैयार हुई थीं. अब उनकी बॉडी की जांच के बाद निष्कर्ष निकाले जाएंगे. 

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