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एक महिला ने अपनी बेटी से झूठ बोला कि उसे (बेटी को) अंतिम स्टेज का कैंसर है और उसकी जिंदगी में कुछ ही महीने बचे हैं. इसके बाद महिला, अन्य लोगों को भी यही झूठ बताने लगी. बेटी के इलाज के लिए पैसे जमा करने के लिए महिला ने एक डोनेशन पेज भी बना दिया.
बीमारी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर महिला ने करीब 4 लाख रुपए भी जुटा लिए. बेटी की मदद के लिए कई बार इवेंट्स भी आयोजित किए गए.
लेकिन फिर Lindsey Abbuhl नाम की इस महिला की पोल खुल गई. इस मामले में लिंडसे को 6 साल की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने 35 साल की लिंडसे को बच्चों के साथ अपराध और चोरी के मामले में, सजा दी.
लिंडसे अमेरिका के ओहियो की रहने वाली हैं. लिंडसे ने 11 साल की बेटी रिली की बीमारी के इलाज के नाम पर GoFundMe पेज पर भी क्राउडफंडिंग की. इस पेज पर उन्होंने बेटी रिली के बारे में झूठी सूचना शेयर की और बताया कि वह मरने वाली है और दवाइयों के लिए पैसों की जरूरत है.
हद तो यह रही लिंडसे की बातों पर लोगों ने यकीन भी कर लिया. मां और बेटी को सॉफ्टबॉल गेम्स में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाने लगा. वहीं 'सी-वर्ल्ड पार्क' में भी जाने के लिए दोनों को फ्री टिकट दिया गया.
पूर्व पति ने खोली पोल
जांच में सामने आया कि लिंडसे की बेटी को कोई बीमारी नहीं है. इस मामले की पोल रिली के पिता जेमी अब्बुहल ने ही खोली. जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि रिली की कस्टडी जेमी अब्बुहल को दी जाए.
जेमी और लिंडसे के बीच 2017 में तलाक हो गया था. लिंडसे को इस मामले में अब 6 साल कैद की सजा मिली है. कोर्ट ने लिंडसे से लोगों के करीब सात लाख रुपए वापस करने का भी आदेश दिया है.
'मुझे हुआ ब्रेन ट्यूमर'
'डेली मेल' के मुताबिक, एक बार तो लिंडसे ने खुद के बारे में भी यह प्रचारित कर दिया था कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर हुआ है. इसके बाद उन्होंने कई परिवारों से यह बात भी की थी कि रिली को वे लोग अडॉप्ट कर लें.