ब्रिटेन की रहने वाली इस महिला को थकान और तेज पेट दर्द हो रहा था. उसे लगा कि ऐसा तनाव की वजह से है. तो उसने इसे नजरअंदाज कर दिया. लेकिन जब इसके पीछे की असल वजह सामने आई, तो वो हैरान रह गई. उससे कहा कि कि अब उसके पास जीने के लिए केवल 24 घंटे बचे हैं.
33 साल की विक्टोरिया डैनसन को पेट में गंभीर इन्फेक्शन हो गया था. जिसकी वजह से फोड़ा भी हुआ. इसके बाद उनकी सर्जरी की गई. उनका कहना है कि वो उस वक्त समझ ही नहीं पा रही थीं कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, विक्टोरिया का कहना है, 'मेरे पास वास्तव में यह समझने का भी समय नहीं था कि क्या हो रहा है. मुझे बस इतना पता था कि मैं पीड़ा में हूं और दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करूंगी.' डॉक्टरों ने आंत का 18 इंच हिस्सा हटाया, जिसके बाद उन्हें इलियोस्टॉमी बैग दिया गया.
वो कहती हैं, 'मैं उन्हें बोल रही थी कि मुझे इलियोस्टॉमी बैग नहीं चाहिए, लेकिन यह मेरे जीवित रहने का एकमात्र विकल्प था.' साल 2014 में हुई इस सर्जरी के बाद उन्हें लगने लगा था कि अब जीवन पहले जैसा सामान्य नहीं रहेगा. अब लापरवाही वाला लाइफस्टाइल छोड़ना पड़ेगा.
करने पड़े हैं कई बदलाव
विक्टोरिया को अपने खानपान में काफी बदलाव करने पड़े हैं. अपनी इस स्थिति में सुधार के लिए उन्हें इनर वर्क भी करना पड़ा. साथ ही अपना कॉन्फिडेंस बढ़ाया. उनका कहना है कि एक सपोर्ट ग्रुप के जरिए वो सैकड़ों लोगों की मदद कर रही हैं. विक्टोरिया मानती हैं कि इस स्थिति में फंसे लोगों के लिए इमोशनल सपोर्ट नहीं है, इसी वजह से उन्होंने ये ग्रुप बनाया है.
अब वो यूनिवर्सिटी में वर्कशॉप करती हैं, ताकि लोगों को अदृश्य बीमारियों को लेकर जागरूक कर सकें. उनका कहना है कि एक सही माइंडसेट से आप अपने उद्दश्यों को पूरा कर सकते हैं, मैं इसका जीता जागता सबूत हूं. लेकिन जब सुनिश्चित न हों तो मेडिकल सलाह ले लें. यह आपकी जिंदगी बचा सकता है.