ओवर टाइम करने के मामले दुनिया के तमाम देशों में बढ़ रहे हैं. कई लोग इसके खिलाफ आवाज भी उठाते हैं, जबकि कई नौकरी जाने के खौफ में शांत रह जाते हैं. मगर एक महिला ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और उसे इस केस में जीत भी मिली.
अब उसे बाकायदा कंपनी की तरफ से हर्जाने के तौर पर अच्छी खासी रकम दी गई है. ये मामला चीन का है. यहां एक महिला आईटी कंपनी में काम कर रही थी. जहां दफ्तर के घंटों के बाहर भी मैसेज के जवाब देने पड़ रहे थे. इससे उसके निजी जीवन में काफी खलल पड़ रहा था. मामला कोर्ट तक जा पहुंचा.
हर्जाने के तौर पर इतनी रकम मिली
वियॉन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के स्थानीय कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि आईटी कंपनी महिला को हर्जाने के लिए 30,000 युआन (करीब 3.55 लाख रुपये) देगी. महिला ने दावा किया था कि उसने एक साल के भीतर 2000 घंटों से अधिक काम किया है.
इसमें से अधिकतर वक्त मैसेज के जवाब देने में बीता. कोर्ट ने महिला कर्मी के पक्ष में फैसला सुनाया और कंपनी को आदेश दिया कि वह इसकी भरपाई करे. ली नाम की महिला के पक्ष में कोर्ट के फैसले को चीन के वर्किंग क्लास के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. चीन में श्रम कानूनों का पालन काफी कम ही होता है और कर्मचारी शोषण के शिकार होते हैं.
मजबूर कर देती हैं कंपनियां
यहां कर्मचारियों से ये उम्मीद की जाती है कि वह हफ्ते के 7 दिन 24 घंटे तक मैसेज पर उपलब्ध रहें. अब इस फैसले को चीन की बाकी कंपनियों के लिए सबक के तौर पर देखा जा रहा है. खासकर उनके लिए जो कर्मचारियों को 24 घंटे मैसेजिंग एप पर मौजूद रहने के लिए मजबूर करती हैं.
इससे शायद अब वह संपर्क करने के दूसरे तरीकों को तलाशने पर काम करेंगी. इस फैसले के बाद से व्हाट्सएप और वीचैट जैसे मैसेजिंग एप के लीगल स्टेटस को लेकर भी तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. कि क्या इन्हें ओवर टाइम नियमों में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं.