महिलाओं के बीच एक अजीबोगरीब ट्रेंड चल पड़ा है. महिलाएं चिकनी त्वचा के लिए पीरियड्स के खून को चेहरे पर लगा रहे हैं. इस ट्रेंड को ‘मेंसुरेशनल मास्किंग’ का नाम दिया जा रहा है. लेकिन एक्सपर्ट्स ने ऐसा ना करने की चेतावनी दी है.
दरअसल, टिकटॉक पर महिलाएं पीरियड्स के खून का इस्तेमाल करती दिख रही हैं. #MenstrualMask टिकटॉक पर काफी पॉपुलर हो रहा है. डेरया नाम की एक इंफ्लूएंसर भी #MenstrualMask को सपोर्ट करती दिखीं. इससे जुड़े उनके वीडियो पर हजारों व्यूज मिले हैं. उन्होंने यहां तक दावा किया है कि पीरियड्स के खून का इस्तेमाल वह पौधों के लिए भी करती हैं.
इस मामले पर ट्रोल होने के बावजूद डेरया ने कहा- पीरियड्स के खून में कुछ भी गंदा नहीं है. पीरियड्स का खून, वास्तविक खून से अलग होता है. बच्चे के जन्म की जिम्मेदारी भी इसी खून पर होती है. इसलिए इसमें वह सभी स्टेम सेल्स और पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे को चाहिए होते हैं. हमारे त्वचा और बॉडी को भी इसकी जरूरत होती है.
लेकिन Very Well Health के मुताबिक- हमारी नसों से होकर गुजरने वाला खून और पीरियड्स का खून सेम ही है. लेकिन पीरियड्स के खून में एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की परत) से निकले टिशू भी मिले होते हैं.
केमिकल इंजीनियर और स्किन मास्टरक्लास की फाउंडर, सिगडेम केमल यिलमाज ने इस ट्रेंड से महिलाओं को दूर रहने की चेतावनी दी है. एक्सपर्ट ने बताया- निश्चित तौर पर मैं ऐसी सलाह कभी नहीं दूंगी. प्लीज ध्यान रखें कि ऐसा कोई साइंटिफिक या क्लिनिकल साक्ष्य नहीं है जिसके आधार पर ये कहा जा सकता है कि आपको चेहरे पर मेंसुरेशनल खून के इस्तेमाल का फायदा होगा.
एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि चेहरे पर पीरियड्स के खून के इस्तेमाल से नुकसान हो सकता है. सिगडेम ने कहा- पीरियड्स के खून के इस्तेमाल से कई हाइजीन इश्यूज हो सकते हैं. क्योंकि मेंसुरेशनल खून में कोशिकामय मलबे मिले होते हैं जैसे कि यूटरिन टिशू और बैक्टीरिया वगैरह.
सिगडेम ने बताया- यहां तक कि चेहरे पर सिर्फ खून का इस्तेमाल भी नुकसानदेह हो सकता है.