अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है. कोर्ट ने अपने एक फैसले में गर्भपात को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले 50 साल पुराने फैसले को पलट दिया. जिसके बाद से देश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं.
सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर बहस शुरू हो गई है. अमेरिका में ट्विटर पर #Abstinence और #SexStrike ट्रेंड कर रहा है. कई महिलाओं का कहना है कि गर्भपात का कानूनी अधिकार जारी रहना चाहिए और वो इस मुद्दे पर पुरुषों से समर्थन की मांग भी कर रही हैं.
ट्विटर पर लोग इस मुद्दे पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. 24 साल की टेक्नीशियन ब्रायना कैंपबेल ने nypost.com से कहा- यदि आप एक पुरुष हैं और मेरे अधिकारों के लिए सड़कों पर नहीं उतरते हैं, तो आप मेरे साथ यौन संबंध बनाने के लायक नहीं हैं.
Celibacy is about to become popular 😁#sexstrike pic.twitter.com/DhAMRhjC1W
— VICTORY (@kaur_jeeto) June 26, 2022
वहीं, 22 साल की इवेंट कोऑर्डिनेटर कैरोलिन हीली ने कहा- क्या पुरुषों के लिए महिलाओं के अधिकारों से ज्यादा महत्वपूर्ण सेक्स है. Manhattan के Union Square पर नए गर्भपात कानून के विरोध में शामिल होने आई एक लड़की ने कहा- महिलाओं से गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को नहीं छीना जाना चाहिए.
रेप की शिकार माया डेमरी ने जोर देकर कहा कि महिलाओं को 'अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए कानूनी दायरे में रहकर सबकुछ करने की जरूरत है.' डेमरी ने कहा कि हम यहां बैठकर उन महिलाओं/लड़कियों के दर्द के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकते जो रेप के बाद प्रेग्नेंट हो जाती हैं. माया डेमरी कहती हैं- अगर दुनिया यह सोचती है कि वो हमेशा महिलाओं पर अत्याचार कर सकते हैं तो ये ठीक नहीं है.
एक अन्य महिला ने कहा कि हम अनचाही गर्भावस्था का जोखिम नहीं उठा सकते. इसीलिए अब हम किसी भी पुरुष के साथ यौन संबंध नहीं रखेंगे, चाहे वो हमारा पति ही क्यों ना हो, जब तक कि हम खुद प्रेग्नेंट होना नहीं चाहें.
इसको लेकर ट्विटर पर #SexStrike के साथ कैम्पेन चलाया गया. हैशटैग पर 50 हजार से अधिक ट्वीट किए गए थे. इसके साथ ही ट्विटर पर #Abstinence भी ट्रेंड हुआ. Abstinence मतलब सेक्स नहीं करना, संयमी बनना. एक महिला यूजर ने गर्भपात कानून के समर्थन में पुरुषों से कहा- अगर हमारी पसंद को नकारा जाता है तो आपकी भी पसंद को नकारा जाएगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी निंदा की है. बाइडन ने कहा है कि इस फैसले ने महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन को खतरे में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे कि जिन राज्यों में गर्भपात लीगल है, वहां के अधिकारी गर्भपात के लिए आई महिलाओं को रोकें नहीं.