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लोकसभा में और बढ़ा महिलाओं का कद

क्या लोकसभा में महिला युग की शुरुआत हुई है? सोनिया के बाद मीरा और अब वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज के विपक्ष के नेता बनने से पहली बार लोकसभा के तीन शीर्ष स्थानों पर महिलाएं आसीन हुई हैं.

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क्या लोकसभा में महिला युग की शुरुआत हुई है? सोनिया के बाद मीरा और अब वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज के विपक्ष के नेता बनने से पहली बार लोकसभा के तीन शीर्ष स्थानों पर महिलाएं आसीन हुई हैं. मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष और इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं जबकि सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता हैं.

गौरतलब है कि वर्तमान लोकसभा में आजादी के बाद से सबसे ज्यादा 59 महिलाएं हैं. उनमें से सबसे ज्यादा 23 महिला सांसद सत्तारूढ़ कांग्रेस की हैं. विपक्षी भाजपा की 13 सांसद हैं. तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की चार चार महिला सांसद हैं. सोनिया पहली महिला हैं जो 1999 में विपक्ष की नेता पद पर आसीन हुईं. मजे की बात है कि उन्होंने तब सुषमा को कर्नाटक के बेल्‍लारी लोकसभा क्षेत्र से परास्त कर लोकसभा में पहली बार कदम रखा था.

एक दशक बाद अब सुषमा उसी पद पर आसीन हुई हैं. विपक्ष के नेता पद पर सुषमा के आसीन होने से विपक्षी कतारों में बेहतर समन्वय की उम्मीद हो सकती है. राष्ट्रीय जनता दल नेता लालू प्रसाद और सपा नेता मुलायम सिंह यादव के साथ उनकी अच्छी बनती है. संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल और सुषमा ने एक ही कॉलेज से शिक्षा हासिल की है. प्रणब मुखर्जी से भी उनका रिश्ता बहुत मधुर है. सुषमा हरियाणा से आती हैं. वह दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और केन्द्रीय मंत्री की जिम्मेदारियां भी निभा चुकी हैं. अभी वह संसद में मध्य प्रदेश के विदिशा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

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