कोई एक देश दूसरे देश में जासूसी करने के लिए जो तरीके अपनाता है, उन्हीं में हनीट्रैप एक बहुत बड़ा टूल है. जिसमें बड़े से बड़े अधिकारियों को आसानी से फंसाकर खुफिया जानकारी निकाली जा सकती है. हालांकि कभी न कभी इसके शिकार को इस बात का पता चल ही जाता है, कि वो हनीट्रैप के चंगुल में है. लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स की बात करने वाले हैं, जो 18 साल तक हनीट्रैप में उलझा रहा. उसे एक जासूस ने इस कदर बेवकूफ बनाया कि आज उसे दुनिया का सबसे बेवकूफ डिप्लोमैट तक कहा जाता है.
इस डिप्लोमैट को एक लड़की से प्यार हुआ, शादी भी की, बेटा भी हुआ... मगर आखिर में मालूम हुआ कि वो तो जासूस है. और तो और वो महिला नहीं बल्कि पुरुष है. डिप्लोमैट को जब इसका पता चला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. वो जिसे 18 साल से अपनी पत्नी मान रहा था, वो तो असल में एक मर्द थी, जो अपने देश के लिए जासूसी कर रहा था. और पूरे दो दशक तक उसका फायदा भी उठाता रहा.
इसे जासूसी की दुनिया की सबसे हैरान कर देने वाली कहानी भी कहा जाता है. इस कहानी की शुरुआत साल 1964 से होती है. हम जिस डिप्लेमैट की यहां बात कर रहे हैं, वो फ्रांस के रहने वाले बर्नार्ड बर्सीकॉट हैं. वहीं जिस जासूस की बात कर रहे हैं, वो चीन का रहने वाला था. बर्नार्ड की पहली पोस्टिंग चीन के बीजिंग में मौजूद फ्रांस के दूतावास में हुई. तब वो अकेला ही सरकारी घर में रह रहा था. इस दौरान क्रिसमस पर फ्रांस के दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने घर पर एक पार्टी रखी. जिसमें एक चीनी युवक भी था. हैरानी वाली बात ये थी कि ये अकेला ही ऐसा चीनी था, जो पार्टी में मौजूद था. दूसरा कोई नहीं. बर्नार्ड ने उससे बातचीत की और इनकी दोस्ती हो गई.
बर्नार्ड ने मंदारिन सीखने की बात कही
धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी तो इस चीनी युवक ने बताया कि वो फ्रांस के लोगों को चीनी भाषा मंदारिन सिखाता है. उसने कई अफसरों और उनके बच्चों को यह भाषा सिखाई है. ऐसे में बर्नार्ड की भी मंदारिन सीखने की इच्छा हुई. फिर ये चीनी युवक भाषा सिखाने के लिए बर्नार्ड के घर आने जाने लगा. दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई. लड़के ने ये भी बताया कि वो ओपेरा सिंगर है. बर्नार्ड को ओपेरा बेहद पसंद था. फिर चीनी युवक कुछ दिन तक बर्नार्ड के घर नहीं आया. जिससे बर्नार्ड को उसकी चिंता होने लगी. वो लोगों से पूछते-पूछते उस घर तक पहुंच गया.
जहां उसे पता चला कि वो लड़का अपनी बूढ़ी मां के साथ रह रहा है. बर्नार्ड जब उस लड़के के घर पहुंचा तो वहां उसे ऐसे राज का पता चला जिसके बाद वो हैरान रह गया. उसे चीनी युवक ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई बता दी. उसने कहा कि वो असल में एक लड़की है. उसकी दादी ने कहा था कि अगर दूसरी बार बेटी पैदा होती है, तो वो पिता की दूसरी शादी कर देंगी. बस इसी वजह से पिता ने उसे दुनिया के सामने एक लड़का बनाकर पेश करने की योजना बनाई. सोचा दादी की मौत के बाद सबको बता देंगे. लेकिन फिर मजाक उड़ने के डर से किसी को नहीं बताया.
बर्नार्ड को अब समझ आने लगा था कि वो क्यों इस चीनी लड़के के प्रति इतना आकर्षित हो रहा था. क्योंकि वो असल में एक लड़की है. ऐसे में बर्नार्ड ने अपने प्यार का इजहार कर दिया. दोनों ने शादी करने का फैसला लिया. लेकिन एक फैसला यह भी लिया कि इस बारे में किसी को पता नहीं चलने देंगे. क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो चीन और फ्रांस दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां नाराज हो सकती हैं. चीनी युवक ने अपना नाम शी पी पू बताया.
शी ने खुद को तीन माह की गर्भवती बताया
इसी बीच बर्नार्ड का चीन में कार्यकाल पूरा हो गया था. अगली पोस्टिंग के लिए उसे मंगोलिया जाना था. तभी शी पी पू ने बर्नार्ड को बताया कि वो उसके बच्चे की मां बनने वाली है. और प्रेग्नेंसी का तीसरा महीना चल रहा है. डिलीवरी के समय वो चीन भी आया. उसने कहा कि बेटा पैदा हुआ है. मगर उससे मिलवाया नहीं. वो बोली कि अगर चीनी सरकार को इस बारे में पता चल गया तो मुसीबत खड़ी हो सकती है. उसने बस बच्चे की तस्वीर दिखाई.
बर्नार्ड अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहने के लिए काफी बेताब था. ऐसे में उसने विदेश मंत्रालय से कहा कि अगर बीजिंग में जगह खाली हो तो उसे भेज दिया जाए. कुछ वक्त बाद जगह खाली हुई. वो फिर चीन के लिए रवाना हो गया.
बर्नार्ड जैसे ही बीजिंग पहुंचा तो वो सीधे शी से मिलने पहुंच गया. लेकिन जब बेटे से मिलवाने की बात आती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देती. उसने ये भी कहा कि बच्चे को नौकरानी के साथ दूर भेज दिया गया है. वहीं दोनों ने मिलना जुलना भी कम कर दिया, ताकि दूतावास को शक न हो.
लेकिन बर्नार्ड ने अब हफ्ते में एक दो बार मिलने के लिए नई तरकीब निकाल ली. उसने शी से कहा कि वो चीनी भाषा सिखाने के बहाने उससे मिलने आए. बस तीन महीने ही बीते थे, तभी शी ने बर्नार्ड को बताया कि मुझे चीनी प्राधिकरण ने तुम्हारे घर जाने से मना कर दिया है. तो कोई दूसरा शख्स ही चीनी भाषा सिखाने आएगा.
जब किंग नाम के शख्स की हुई एंट्री
इस दूसरे शख्स का नाम था- किंग. बर्नार्ड इसे भी पहले से जानता था. दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई. एक दिन बर्नार्ड ने किंग से मदद मांगी. उससे कहा कि वो देश से बाहर निकलने में मदद करे. उसकी पत्नी शी और बेटा चीन में हैं. बदले में किंग ने कहा कि उसे कुछ खुफिया जानकारी चाहिए. इसके बाद बर्नार्ड ने अपने ही देश से दगा करके किंग को खुफिया जानकारी देना शुरू कर दिया.
दूसरी तरफ शी के प्रति बर्नार्ड का प्यार बढ़ता ही जा रहा था. कुछ साल बाद जब उसे चीन से किसी और देश में ट्रांसफर किया गया, तब शी ने बेटे की तस्वीर दिखाई और बताया कि वो अब 7 साल का हो गया है. बर्नार्ड इस से बेहद खुश हो गया. वो वापस अपने देश फ्रांस गया. यहां राजधानी पेरिस में उसकी पोस्टिंग हुई.
यहां बर्नार्ड के जीवन में एक नया ट्विस्ट आया. पेरिस में आने के बाद बर्नार्ड एक गे शख्स के काफी करीब आ गया था. लेकिन बावजूद इसके उसने पत्नी शी को फ्रांस लाने की कोशिशें करना नहीं छोड़ा. इसी बीच किंग ने कुछ वक्त बाद एक खुशखबरी दी और बर्नार्ड को बताया कि उसकी पत्नी शी और बेटा पेरिस में होने वाले कल्चरल इवेंट में आ सकते हैं. बर्नार्ड को वीजा का इंतजाम करने को कहा गया. जिस दिन ये इवेंट था उस दिन बर्नार्ड को शहर से बाहर जाना था. तो उसके गे दोस्त ने पत्नी शी और बेटे को रिसीव किया.
इस दिन शी एक लड़के के रूप में आई थी. जब बर्नार्ड वापस लौटा तो उसके सपने मानो पूरे हो गए थे. वो एक ही घर में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहने लगा. मगर एक दिन घर पर पुलिस आ गई. पुलिस ने बर्नार्ड और शी को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने खोल दी सारी पोल
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने जो जानकारी दी, उसे जानकर बर्नार्ड हैरान था. उसे बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी पत्नी शी असल में एक मर्द है, कोई महिला नहीं. और वो कोई साधारण आदमी नहीं बल्कि एक चीनी जासूस है. शी और किंग ने मिलकर बर्नार्ड को बस एक मोहरा बनाया था. इन्होंने कम से कम 500 खुफिया दस्तावेज चीनी सरकार तक पहुंचाए थे. इसके बाद शी ने भी सच बता दिया कि वो एक मर्द है.
उसने बताया कि उसके शरीर के कुछ हिस्सों में महिला हार्मोंस ज्यादा हैं, इसी वजह से सीना थोड़ा उठा हुआ है. और दाढ़ी-मूछ नहीं आतीं. इसके लिए उसे खास तरह से ट्रेनिंग दी गई थी. उसने ये भी बताया कि वो पुरुष जननागों को छिपाकर महिला के जननांगों का अहसास कराने में माहिर है. इस चीज को मेडिकल की भाषा में टकिंग बोलते हैं. इसके अलावा बेटा भी बर्नार्ड का नहीं था.
इस पूरे मामले में पेरिस की पुलिस ने शी के साथ-साथ बर्नार्ड के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया. जिसमें बर्नार्ड को पांच साल की सजा मिली. वहीं शी को छह साल के लिए जेल भेज दिया गया. हालांकि उस वक्त दोनों देशों यानी कि चीन और फ्रांस के रिश्ते अच्छे थे. तो इन दोनों की सजा एक और डेढ़ साल कम कर दी गई.
मामले की सुनवाई कर रहे जज ने इस मामले में मानवीय पहलुओं को देखा. उन्हें भी दया आ गई. जेल से छूटने के बाद शी ने एक ओपेरा सेंटर खोला. उसकी 30 जून, साल 2009 में मौत हो गई. जबकि बर्नार्ड अब भी जीवित है. इनकी कहानी पर साल 1993 में 'एम बटरफ्लाई' नामक फिल्म भी बनी है.