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2 साल तक पैसे बचाए, फिर बॉयफ्रेंड को महंगे जूते देकर लड़की ने किया प्रपोज

रिंग देकर प्रपोज करने के स्टिरियोटाइप को वह तोड़ने के लिए गाजियाबाद की सिद्धि ने अपने पार्टनर को जूते देकर प्रपोज किया.

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बॉयफ्रेंड सक्षम को जूते देकर प्रपोज करतीं सिद्धि. (फोटो साभार- Siddhi Madhwar)
बॉयफ्रेंड सक्षम को जूते देकर प्रपोज करतीं सिद्धि. (फोटो साभार- Siddhi Madhwar)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिद्धि और सक्षम की अनोखी लव स्टोरी
  • सिद्धि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं

बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के लिए प्रपोज करने का दिन बेहद खास होता है और हर कपल चाहता है कि इस दिन वे शानदार तरीके से सेलिब्रेट करें. लेकिन क्या आपने सोचा है कि कोई जूता देकर भी अपने पार्टनर को प्रपोज कर सकता है? गाजियाबाद की रहने वाली सिद्धि माधवर ने अपने प्रेमी सक्षम सक्सेना को जूता देकर ही प्रपोज किया. 

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प्रपोज करने की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद सिद्धि और सक्षम की स्टोरी वायरल हो गई. सिद्धि ने आज तक से बताया कि 12 फरवरी को उन्होंने सक्षम को प्रपोज किया. और 18 फरवरी 2022 को कपल ने शादी भी कर ली.  

26 साल की सिद्धि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और सक्षम ऑपरेशंस मैनेजर के तौर पर काम करते हैं. सिद्धि का कहना है कि रिंग देकर पार्टनर को प्रपोज करने के स्टिरियोटाइप को वह तोड़ना चाहती थीं और उनके पार्टनर को एक खास कंपनी का जूता बेहद पसंद था, इसलिए उन्होंने जूता देकर प्रपोज किया. सिद्धि ने बॉयफ्रेंड को प्रपोज करने के लिए 2 साल तक पैसे जोड़े और फिर उसके पसंदीदा जूते खरीदकर उसे प्रपोज किया. 

Siddhi Madhwar

सिद्धि के मुताबिक, “हम पहली बार 14 साल पहले मिले थे. उस वक्त हम 12 साल के थे. तब हमने Orkut पर बात करना शुरू किया था. घर पर इंटरनेट सही नहीं था, इसलिए मैं चुपके से पापा के फोन से उसे को मैसेज करती. हमने करीब 1 साल बात की. इसके बाद हमारा संपर्क टूट गया. बस, बात होनी बंद हो गई." 

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जब दोबारा हुई मुलाकात...  

सिद्धि ने बताया कि एक साल बाद हम दोनों एक आइसक्रीम पार्लर में मिले. हमने साथ में आइसक्रीम खाई और जब हम चलने लगे तभी एक आंटी अचानक से हमारे पास आई. उन्होंने कहा- 'जोड़ी सलामत रहे.' हम थोड़ा हिचके और कहा- 'आंटी, हम सिर्फ दोस्त हैं.'

सिद्धि कहती हैं कि इसके बाद हम Orkut से Facebook पर माइग्रेट हो गए. हर दिन हमारी बात होने लगी. वो हर शाम मेरी कॉलोनी आता. कुछ दिनों बाद हम फोन कॉल पर बात करने लगे. लेकिन एक बार बिल 2500 रुपये आ गया, जिससे घर पर हमें बहुत डांट पड़ी. 

सिद्धि कहती हैं- 'हम ट्यूशन और यहां तक ​​कि स्कूल भी बंक कर देते थे ताकि हम एक-दूसरे के साथ समय बिता सकें, मिल सकें. उसे बर्गर बहुत पसंद था, इसलिए मैं हर महीने बर्गर खरीदने के लिए अपनी पॉकेट मनी से पैसे बचाती थी. मुझे याद है कैसे उसने केमिस्ट्री के एग्जाम में मुझे पढ़ाई में मदद की थी.' 

सिद्धि के मुताबिक, बुरे समय में हमने एक-दूसरे का साहस बढ़ाया. 11 साल की डेटिंग के बाद, मुझे यकीन हो गया कि वह वही शख्स है, जिसके साथ मुझे जिंदगी बितानी है. इसलिए, एक Grand Proposal के बजाय कुछ अलग तरह से प्रपोज करने का प्लान किया. 

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