महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक किसान के जनधन खाते में जब 15 लाख रुपये आ गए, तो उसने सोचा कि यह सरकार ने दिए हैं. किसान ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शुक्रिया भी अदा किया. उस किसान ने इसे अपना पैसा समझकर इसका इस्तेमाल शुरू किया और घर बनवाने में 9 लाख रूपए खर्च कर डाले. लेकिन 5 महीने बाद जो किसान के साथ हुआ उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. पैठण तालुका के दावरवाड़ी के एक किसान ज्ञानेश्वर जनार्दन औटे को बैंक की तरफ से एक नोटिस आया, जिसमें लिखा गया था कि यह रकम उसके खाते में गलती से डाल दी गई है. इसलिए उसे वह रकम अब लौटानी पड़ेगी. देखें ये रिपोर्ट.