आस्था और भरोसे की डोर पर टिकी बाबा और भक्त के रिश्ते में सभी यही उम्मीद लेकर आते है कि बाबा अपनी तीसरी आंख से भक्तों के कष्टों को देख उसका निवारण कर देंगे. पिछले 15 सालों में ये भरोसा पुख्ता होता गया. भक्ति की शक्ति के दम पर सबके दुखों को हरने के निर्मल दरबार के दावे में यकीन करने वालों की तादात दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती गई. आलम ये है कि आज बाबा के चमत्कार में यकीन करने वालों की तादात लाखों में है.