इसे मानवता की नई मिसाल कहें या फिर जज्बात की. 11 साल की एक बच्ची ने वह कर दिखाया, जिसे करने में बड़े-बड़ों के छक्के छूट जाएं. एक छोटी आदिवासी बच्ची ने अपने भाई के इलाज की खातिर उसे कंधे पर बिठाकर 8 किमी का सफर तय किया.