प्रेम के प्रतीक ताजमहल के साये में इटली के दंपति ने अपनी शादी की 40वीं सालगिरह बड़ी धूमधाम के साथ भारतीय परंपरा से मनाई. उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाने का वादा निभाया.
इटली निवासी माउरो (70) और स्टेफनिया (65) अपनी शादी की 40वीं वर्षगांठ भारतीय परंपरा से मनाने की इच्छा लेकर 28 नवंबर को भारत आए थे. उन्होंने अपनी इच्छा अपने टूर ऑपरेटर को बताई. जिसके बाद इसकी तैयारियां की गईं.
भारतीय संस्कृति से उनके लगाव को देखते हुए हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनकी शादी की तैयारियां की गई. ढोल की थाप और शहनाई की धुन पर परंपरागत भारतीय परिधानों में सजे दूल्हा-दुल्हन को तैयार किया गया और शादी के सभी रस्में पूरी की गईं.
इटेलियन कपल बैंड बाजे के साथ ताजमहल के पूर्वी गेट के पास बगीची में पहुंचा. वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कपल ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई. घरातियों और बारातियों ने दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो भी खिंचवाई.
विदेशी कपल ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए, दूल्हे ने अपनी दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाया और मांग में सिंदूर भरा. पंडित प्रवीण दत्त शर्मा ने विदेशी कपल की शादी में मंत्र पढ़े. शादी के बाद दूल्हा और दुल्हन बेहद खुश नजर आए. यह कपल सनातन धर्म से शादी करने का सपना पिछले पांच वर्षों से देख रहा था.
माउरो और स्टेफनिया का कहना है कि उन्होंने सुना था कि भारत में शादी को सात जन्मों का साथ माना जाता है. इसलिए उन्होंने सोचा की एक बार भारतीय परंपरा के हिसाब से फिर से शादी करने का फैसला किया.
इस शादी में उनके भारतीय मूल के उनके दोस्त शामिल हुए. सभी ने बड़े ही उत्साह के साथ इस शादी में हिस्सा लिया. माउरो और स्टेफनिया ने डांस कर अपनी शादी का जश्न मनाया.
कपल की शादी करवाने वाले पंडित प्रवीण दत्त शर्मा ने कहा की भारतीय सनातन संस्कृति को विदोशी लोग खूब पसंद कर रहे हैं. भारतीय संस्कृति पूरे विश्व को आकर्षित कर रही है. उन्होंने बताया कि दुल्हा और दुल्हन ने ट्रेडिशनल ड्रेस में ताजमहल का दीदार किया. अपने प्यार को पूरे जीवन बनाए रखने का एक दूसरे से वादा किया.