रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) एक हाई-स्पीड, हाई-फ़्रीक्वेंसी परिवहन प्रणाली है, जो 160 किमी प्रति घंटा की परिचालन गति से एनसीआर के निवासियों को क्षेत्र में निर्बाध रूप से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा. इसका 82 किमी लंबा प्रथम कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच निर्माणाधीन है. इस कॉरिडोर का साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच स्थित 17 किमी लंबा खंड, प्राथमिक खंड है, जिसे उदघाटन के बाद 21 अक्टूबर 2023 से जनता के लिए आरंभ कर दिया जाएगा. इस खंड में पांच स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो.
160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ, इन पूरी तरह से वातानुकूलित रैपिडएक्स ट्रेनों में सुरक्षित और आरामदायक क्षेत्रीय आवागमन के लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग, खड़े होकर यात्रा करने के लिए पर्याप्त स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, जैसी कई यात्री-केंद्रित विशेषताएं होंगी. रैपिडएक्स ट्रेनों का परिचालन सुबह 06:00 बजे से रात 11:00 बजे के बीच होगा. दोनों दिशाओं में पहली ट्रेन द्वारा परिचालन सुबह 06:00 बजे आरंभ होगा और दोनों दिशाओं के स्टेशनों से अंतिम ट्रेन रात 11:00 बजे प्रस्थान करेगी. आरंभ में, हर 15 मिनट में एक ट्रेन उपलब्ध होगी, हालांकि सिस्टम आवश्यकता के आधार पर आवृत्ति को और बढ़ाया जा सकता है.
प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में 6 डिब्बे हैं, जिनमें लगभग 1700 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं. इसमें दोनों, बैठकर एवं खड़े होकर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या शामिल है. हर स्टैंडर्ड कोच में 72 सीटें और प्रीमियम कोच में 62 सीटें उपलब्ध हैं. प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है, यह प्रीमियम कोच के बाद दूसरा कोच होगा. ट्रेन के अन्य कोचों में भी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हैं. साथ ही, प्रत्येक कोच में विकलांग यात्रियों/वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं.
रैपिडएक्स ट्रेन में एक प्रीमियम कोच भी है, जिसमें रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगजीन होल्डर और फुटरेस्ट जैसी कई अतिरिक्त यात्री-केंद्रित सुविधाएं होंगी. दिल्ली से मेरठ की ओर जाने वाला पहला कोच और मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाला अंतिम कोच प्रीमियम कोच होगा. प्रीमियम कोच से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए प्लेटफार्म स्तर पर एक प्रीमियम लाउंज प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से ही प्रीमियम कोच में प्रवेश मिलेगा. आरामदायक गद्देदार सीटों से सुसज्जित, इस लाउंज में एक वेंडिंग मशीन की सुविधा होगी जहां से स्नैक्स या पेय खरीदे जा सकते हैं.
इसमें यात्रियों के लिए टिकटिंग के विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं: पेपर क्यूआर कोड-आधारित यात्रा टिकट- टिकट वेंडिंग मशीनों (टीवीएम) या रैपिडएक्स स्टेशनों पर टिकट काउंटरों से खरीदा जा सकता है. टिकट वेंडिग मशीन- पेपर क्यू-आर टिकट एवं नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को रीचार्ज करने के लिए यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सक्षम टिकट वेंडिग मशीन लगाई गई हैं. यात्री टीवीएम से टिकट खरीदने के लिए बैंक नोट, बैक कार्ड, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड तथा यूपीआई का प्रयोग कर सकते हैं.
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) कार्ड - भारत सरकार के "एक राष्ट्र, एक कार्ड" विज़न के अनुरूप, रैपिडएक्स कम्यूटर कार्ड एक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड है, जो सभी पारगमन प्रणालियों में तथा जहां भी कार्ड से भुगतान संभव है, एक ही कार्ड के उपयोग की अनुमति देता है. आरआरटीएस प्रणाली में संचालन के पहले दिन से यात्रा के लिए किसी भी एनसीएमसी कार्ड का उपयोग करना संभव होगा. एनसीआरटीसी मोबाइल एप्लिकेशन, रैपिडएक्स कनेक्ट के माध्यम से डिजिटल क्यूआर कोड-आधारित टिकट जनरेट किया जा सकता है. टिकट संबंधी किसी भी समस्या के समाधान के लिए यात्री एएफसी गेट के पास स्थापित ग्राहक सेवा केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं.
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिक के सभी स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए वाहनो की पार्किंग बनाई गई हैं. ये पार्किंग स्टेशनो के प्रवेश/निकास द्वार के पास बनाए गए हैं ताकि यात्रियों को उनकी गाड़ी पार्क करने के लिए दूर ना जाना पड़े. इन स्टेशनो की पार्किंग में पर्याप्त संख्या में वाहन खड़े हो सकेंगे. इन पार्किंग में साइकिल, मोटर साइकिल-स्कूटर और चोपहिया (कार-एसयूवी) वाहनों के खड़ा करने की व्यवस्था होगी. इसी के मद्देनजर पार्किंग शुल्क भी अलग-अलग श्रेणी में निर्धारित किया गया है.
एनसीआरटीसी की पार्किंग की खास बात ये होगी की इन स्टेशनों पर पिक एंड ड्रॉप के लिए आने वाले वाहनों के लिए शुरुआती 10 मिनट तक की पार्किंग नि:शुल्क रहेगी और अगर इससे ज्यादा देर तक वाहन खड़ा किया जाता है तो पार्किंग शुल्क देना होगा. वैसे एनसीआरटीसी नीतिगत रूप से पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आने-जाने वाले लोगों के पक्ष में है.
रैपिडएक्स ट्रेनों में सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेन के अंतिम कोच में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए एक निर्दिष्ट स्थान प्रदान किया गया है. ट्रेन का इंतजार करते समय यात्रियों को बैठने के लिए प्लेटफार्म लेवल पर सीटों की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं. प्रत्येक स्टेशन पर कॉनकोर्स लेवल के पेड एरिया में पीने का पानी और वॉशरूम की सुविधाएं उपलब्ध हैं. छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर स्टेशन पर महिला शौचालय में डायपर चेंजिंग स्टेशन की व्यवस्था की गई है.
यात्री, स्टेशनों पर बने सूचना डेस्क से ट्रेन सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही, ऐसी जानकारी 'रैपिडएक्स कनेक्ट' मोबाइल एप्लिकेशन और रैपिडएक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध होगी. वैकल्पिक रूप से, रैपिडएक्स ग्राहक सेवा केंद्र से 08069651515 पर संपर्क किया जा सकता है. सभी रैपिडएक्स स्टेशनों पर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है. किसी भी चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति के लिए CATS के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा की भी व्यवस्था की जा सकती है.
खोई/पाई गई वस्तुओं के निपटान के लिए एक खोया और पाया केंद्र समर्पित रूप से स्थापित किया गया है. कोई भी खोई हुई वस्तु 24 घंटे के भीतर उसी स्टेशन से प्राप्त की जा सकती है. किसी वस्तु के खोने/पाये जाने की स्थिति में, निकटतम आरआरटीएस स्टेशन /ट्रेन के कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है. प्राथमिक खंड के लिए, एक समर्पित खोया/पाया केंद्र गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर स्थापित किया गया है, जो सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होगा. खोई और पाई गई वस्तुओं की जानकारी यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट एप पर भी हासिल कर सकेंगे.
आपातकालीन स्थिति में स्टेशन अधिकारियों से संपर्क करने के लिए यात्री कॉनकोर्स/प्लेटफ़ॉर्म स्तर पर सीधे सहायता कॉल प्वाइंट का उपयोग कर सकते हैं. रैपिडएक्स ट्रेनों के प्रत्येक कोच में यात्री आपातकालीन संचार प्रणाली प्रदान की गई हैं. इसे ऑपरेट करके ट्रेन ऑपरेटर को समस्या बताई जा सकती है, कर्मचारी शीघ्र ही सहायता प्रदान करेंगे या उचित व्यवस्था करेंगे. यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी आपातकालीन सहायता प्राप्त कर सकते हैं.
पहली बार, आरआरटीएस स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा जांच के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-सक्षम डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) का उपयोग किया जा रहा है. यह सिस्टम यात्रियों की स्क्रीनिंग कर किसी भी संदिग्ध वस्तु को स्टेशन तक पहुंचने से रोकने में सहायता करेगा. टेशन के प्रवेश द्वार पर लगे लगेज स्कैनर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस हैं. इन स्कैनरों में एक डुअल-व्यू जनरेटर एक्स-रे बैगेज निरीक्षण प्रणाली है जो स्कैनर के माध्यम से गुजरने वाले सामान की दोहरी स्क्रीनिंग को सक्षम बनाएगी, जिससे बैग के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों की तस्वीरें कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देंगी. यदि किसी यात्री के बैग में कोई संदिग्ध या प्रतिबंधित वस्तु स्कैन की जाती है, तो कन्वेयर बेल्ट स्वचालित रूप से बंद हो जाएगी.
डिपो में सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (एससीसी) लोगों के सुरक्षित और सुचारू आवागमन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे प्राथमिक खंड की 24x7 निगरानी करता है, जानकारी एकत्र करता है और अवांछित स्थितियों में जहां आवश्यक हो, संबंधित स्टेशनों, फील्ड अधिकारियों, स्थानीय इकाइयों आदि से संपर्क करके त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है. स्टेशनों पर क्लोज सर्किट टीवी स्क्रीन लगाई जाएंगी, जिससे यात्री भी सीसीटीवी फुटेज देख सकेंगे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी रैपिडएक्स स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) को सौंपी है और दिल्ली में स्टेशनों पर सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा सुनिश्चित की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने रैपिडएक्स के लिए गाजियाबाद और मेरठ में एक पुलिस स्टेशन का भी प्रावधान किया है. इसके अलावा, स्टेशनों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर एक पुलिस पोस्ट का प्रावधान भी किया गया है.
स्टेशन की आंतरिक दीवारों को सुंदर वॉल पेंटिंग्स से सजाया गया हैं. हाथ से बनाई गई इन पेंटिंग्स ने स्टेशन के इंटीरियर को एक जीवंत और आकर्षक वातावरण में बदल दिया है.इन वॉल पेटिंग्स की सुंदरता यात्रियों को उनके व्यस्त जीवन में सुकून के कुछ पल प्रदान करेंगी. स्टेशनों के आसपास के क्षेत्र में भीड़ कम करने और स्टेशन के बाहर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक अनोखे कदम में, स्टेशन के प्रवेश/निकास को मुख्य कैरिजवे पर बनाने के बजाय इन्हें सड़क के किनारों पर बनाया गया है और इन तक पहुंचने के लिए सड़क के दोनों तरफ एक समर्पित मार्ग बनाया गया है.
एक निर्बाध यात्रा अनुभव में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के महत्व को समझते हुए, एनसीआरटीसी ने स्टेशनों पर फीडर सेवाएं प्रदान करने के लिए दो मोबिलिटी ऑपरेटरों के साथ समझौता किया गया है जो आरआरटीएस स्टेशनों से इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा का संचालन करेंगे. भविष्य में, मांग बढ़ने के साथ ये ऑपरेटर आवश्यकतानुसार अन्य बड़े वाहनों की भी व्यवस्था करेंगे.
आसपास के क्षेत्रों में व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए, इन मोबिलिटी पार्टनर्स ने प्रत्येक प्राथमिक खंड के स्टेशनों से अस्थायी मार्गों की रूपरेखा तैयार की है. ये मार्ग लगभग 9 किलोमीटर तक विस्तारित होंगे, जिसमें न केवल राज नगर एक्सटेंशन, जागृति विहार और जीडीए कॉलोनी जैसे शहरी क्षेत्र शामिल होंगे, बल्कि बीकनपुर, मिलक चकरपुर, शाहपुर निज मोर्टा, बसंतपुर सेंथली और अटौर नगला जैसे महत्वपूर्ण ग्रामीण इलाके भी शामिल होंगे. एनसीआरटीसी द्वारा उठाए जा रहे इस कदम का उद्देश्य परिवहन विकल्पों की अपर्याप्त या अनुपलब्धता के कारण यात्रियों के सामने आने वाली लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का प्रभावी समाधान उपलब्ध कराते हुए गंतव्यों और सार्वजनिक परिवहन के बीच के लास्ट-माइल की दूरी को कम करना है.