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बाहुबली अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को 17 साल पुराने किडनैपिंग के मामले (Kidnapping Case) में दोषी ठहरा दिया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने उसे उमेश पाल के अपहरण के मामले में दोषी करार दिया है. उमेश पाल की बीते महीने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड का आरोप भी अतीक अहमद पर है. अब जब अतीक अहमद चर्चा में बना हुआ है, तो हम आपको ऐसा किस्सा बताएंगे जब उसके एक केस की सुनवाई से 10 जजों ने खुद को अलग कर लिया था.
साल 2012... उस समय अतीक अहमद जेल में बंद था. लेकिन उसकी माफिया डॉन वाली इमेज से हर कोई वाकिफ था. कोई भी उससे पंगा लेने से परहेज ही करता था. वहीं, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरू हो चुके थे. चुनाव लड़ने के लिए अतीक ने अपना दल से पर्चा भरा था. इसी को लेकर उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बेल के लिए आवेदन दिया. अतीक के बेल वाले आवेदन पर इलाहबाद हाईकोर्ट के 10 जजों ने केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद सुनवाई के लिए 11वें जज ने हामी भरी और अतीक अहमद को बेल दे दी.
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वहीं, अतीक के पास अपना गढ़ बचाने का आखिरी मौका था. क्योंकि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में वह हार गया था. अब विधानसभा चुनाव में अतीक और पूजा पाल आमने-सामने थे. लेकिन अतीक को 2012 के विधानसभा चुनाव में भी हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, जिसमें अतीक ने दोबारा अपनी हनक बनाने का पूरा प्रयास किया.
अखिलेश यादव से हुए रिश्ते खराब
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर से टिकट दे दिया. जिसका पार्टी में ही विरोध हो गया. लेकिन टिकट बरकरार रहा. हालांकि सीट बदलकर श्रावस्ती कर दी गई. वहां अतीक ने खूब चुनाव प्रचार किया. वहां उसने अपने संबोधन में यह तक कह डाला, ''मेरे खिलाफ 188 मामले दर्ज हैं. मैंने अपना आधा जीवन जेल में बिताया है, लेकिन मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है. मैं अपने कार्यकर्ताओं के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं.'' लेकिन अतीक का संबोधन चुनाव में काम नहीं आया. और वह हार गया. फिर अखिलेश यादव से भी उसके रिश्ते खराब हो गए.
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17 साल पुराने मामले में अतीक समेत 3 आरोपी दोषी करार
बता दें, यूं तो अतीक पर कई आपराधिक केस दर्ज हैं. लेकिन 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है. जबकि, अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया.
उमेश पाल अपहरण का मामला
उमेश पाल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था. कोर्ट का यह फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उमेश की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में भी अतीक, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत 9 लोग आरोपी हैं. इससे पहले सोमवार को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया. उसके भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाया गया. इसके अलावा एक अन्य आरोपी फरहान को भी यहीं लाया गया था.