29 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के एक पार्षद के साथ क्षेत्र के कुछ दबंगों ने मारपीट की थी. इस हमले में पार्षद के साथी भी घायल हो गए थे. यह पूरी घटना सीसीटीवी पर कैद हुई थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी. मगर, इन सब के बाद भी सत्ता पक्ष के 30 पार्षद पुलिस की कार्रवाई से नाखुश होकर कमिश्नर के पास शिकायत करने पहुंच गए.
दरअसल, बीजेपी पार्षदों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि सबूत होने के बाद भी इस मामले में आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई. केस से गंभीर धाराएं जैसे 307 हटा ली गई. बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मुकदमे को हल्का कर दिया है.
भाजपा पार्षद की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. लोगों का कहना था जब भाजपा के नेता ही सुरक्षित नहीं है, तो आम लोगों का क्या हाल होगा? पार्षद के मुताबिक, घटना के ठीक बाद मौके पर कई थाने की फोर्स पहुंची थी. मगर, तब तक आरोपी फरार हो गए थे.
सीसीटीवी में आरोपी एक दिन पहले हाथ में हथियार लेकर नजर आ रहे हैं, उस दिन किसी तरह से पार्षद की जान बच गई थी. मगर, अगले दिन उन्होंने पार्षद की जमकर पिटाई की, जिसका सीसीटीवी वीडियो पुलिस के पास है. मगर, इसके बाद भी आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर कैसे हैं?
आरोपों के मुताबिक, 29 मार्च को बीजेपी पार्षद होली मिलन समारोह से संबंधित निमंत्रण देने पहुंचे थे. इसी दौरान मोहल्ले के दबंग अंशु ठाकुर और उसके साथियों ने हमला बोल दिया. यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई.
इस मामले में एडिशनल कमिश्नर हरीश चंद्र का कहना है कि पार्षद की पिटाई के मामले में कुछ लोगों द्वारा आज जांच को लेकर असंतोष जाहिर किया गया है. इसके बाद वह पुलिस कमिश्नर से भी मिले हैं. इसका संज्ञान लेते हुए आरोपियों गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिया गया है. डीसीपी स्वयं जांच मॉनिटर कर रहे हैं. मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है.