उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में आग का तांडव देखने को मिला. जहां 500 एकड़ में फैली गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई. आग इतनी भयानक थी कि फायर टेंडर की कई गाड़ियां कम पड़ गईं. जिसके कारण फायर कर्मियों को ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ा. डीएम और एसपी ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भेजा.
इस मामले पर उपजिलाधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देश है कि कंबाइन, भूसा बनाने की मशीन को न चलाया जाए. क्योंकि इसी से ज्यादातर आग की घटना हो रही हैं. ग्राम प्रधान अजय कुमार का कहना है कि प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से समय पर दमकल की गाड़ियां मौके पर नहीं पहुंची.
500 एकड़ में फैली गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख
बताया जा रहा है कि अज्ञात कारणों से गेहूं की फसल में आग लगी. जिलापंचायत सदस्य ने बताया कि आग लगने के बाद हम दमकल की गाड़ी के लिए हम लोग फोन करते रह गए. आग लगने के ढाई घंटे बाद दमकल की गाड़ियां आनी शुरू हुईं.
बता दें, कृषि विभाग ने किसानों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब भी वे अपने गेहूं के खेतों में हों तो बीड़ी या सिगरेट न पिएं. क्योंकि इसकी एक भी चिंगारी पूरे गेहूं के खेत को जलाने के लिए काफी होती है. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि यह बात भी सामने आई है कि कई बार कृषि मशीनों से निकलने वाली चिंगारी भी बड़े आग का रूप ले लेती है. तेज धूप और शुष्क मौसम के कारण हल्की सी चिंगारी भी बड़े आग की घटना में बदल जाती है.
कृषि विशेषज्ञों की किसानों को एडवाइजरी
वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मशीनों के ऐसे हिस्से जहां से चिंगारी निकल सकती है, उन हिस्सों में ग्रीस लगाने से मदद मिल सकती है. विभाग ने यह भी कहा है कि जिन क्षेत्रों में गेहूं की फसल पक कर सूख गई है और कटाई के लिए तैयार है, उन क्षेत्रों में किसान बिजली के ट्रांसफार्मर को बंद करने कर दें. क्योंकि बिजली रहने से किसी भी शॉर्ट सर्किट से आग भी लग सकती है. उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेतों की सिंचाई की तुलनात्मक रूप से कोई आवश्यकता नहीं है और ऐसे में ट्यूबवेलों को बिजली की आपूर्ति करने वाले ट्रांसफार्मर बंद किए जा सकते हैं.