scorecardresearch
 

1.40 करोड़ की लूट... एक इंस्पेक्टर, 3 सब इंस्पेक्टर और 3 कांस्टेबल सस्पेंड, जानें पूरा मामला

UP News: एक करोड़ 40 लाख रुपये लूट की घटना के मामले में लीपापोती करने और संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर वाराणसी के एक ही थाने के इंस्पेक्टर सहित 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. शुरुआती जांच में पाया गया कि इस मामले में पहुंची पुलिस टीम ने ठीक से अपने कर्तव्य का निर्वाहन नहीं किया.

Advertisement
X
एक थाने के 7 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड
एक थाने के 7 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड

गुजरात की कृषि संबंधी कारोबार करने वाली कंपनी से एक करोड़ 40 लाख रुपये लूट की घटना के मामले लीपापोती करने और संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर वाराणसी के एक ही थाने के इंस्पेक्टर सहित 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. दरअसल. वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत संकुल धारा पोखरे के पास एक कार से बीते दिनों करीब 93 लाख रुपये मिले थे.

Advertisement

बताया जा रहा है कि कंपनी के कर्मचारी विक्रम सिंह ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया था कि 29 मई को अजीत मिश्रा ने हथियारों से लैस 10 से 12 बदमाशों के साथ बैजनत्था इलाके में बने उनके ऑफिस में लूट की वारदात की थी.

बदमाश स्टाफ के साथ मारपीट कर एक करोड़ 40 रुपये लूटकर फरार हो गए थे. यह रुपये कंपनी के स्टाफ के द्वारा कलेक्शन किए गए थे. लूट के कुछ दिनों बाद कंपनी के अधिकारियों को यह पता चला कि इलाके से एक कार में पुलिस को 93 लाख रुपये मिले हैं.

लीपापोती करने के मामले में 7 पुलिसकर्मी दोषी

कंपनी के अधिकारियों ने इसकी शिकायत पुलिस को दी गई. पुलिस ने इस पर एक्शन लेने के बजाए मामले पर लीपापोती करनी शुरू कर दी. जब इस घटना की जानकारी पुलिस के बड़े अधिकारियों को लगी, तो इस पर जांच बैठाई गई. 

Advertisement

इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध संतोष सिंह ने बताया कि 29 मई की रात साढ़े 9 बजे भेलूपुर के इंस्पेक्टर को कथित सूचना मिली थी. इलाके में पैसे के लेन-देन पर विवाद के बाद मारपीट हुई.

फिर छीना-झपटी की शिकायत पर पुलिस वहां पहुंची. इसमें तत्कालीन भेलूपुर थाना के प्रभारी, 3 सब इंस्पेक्टर और 3 कांस्टेबल शामिल थे. इसके 2 दिन बाद इलाके के संकुल धारा पोखरे के पास से 93 लाख रुपये की रिकवरी एक नारंगी रंग की कार से हुई थी.  

जांच के दौरान पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली

पुलिस ने रुपयों के मालिक का पता लगाने का प्रयास शुरू किया. जांच के दौरान पता चला कि गुजरात की एक कंपनी की तरफ से डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच वाराणसी के डीसीपी  को दी गई.

शुरुआती जांच में पाया गया कि इस मामले में पहुंची पुलिस टीम की भूमिका संदिग्ध थी. साथ ही यह भी पाया गया कि भेलूपुर थाने के तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर और उनके साथ पहुंची पुलिस टीम ने सही कार्रवाई नहीं की और मामले को दबाने की कोशिश की गई. 

एक थाने के 7 पुलिसकर्मियों को किया गया सस्पेंड

रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया गया और इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, SI सुशील कुमार, एसआई महेश कुमार और उत्कर्ष चतुर्वेदी के साथ पुलिस कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को सस्पेंड किया गया. इस मामले में एफआईआर दर्ज करके निष्पक्षता से जांच कराई जा रही है. जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने रुपयों के लेन-देन में पुलिस की भूमिका को नकारा. उन्होंने लूट की रकम को भी जल्द से जल्द बरामद कराने का दावा किया. उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में लूट का मुकदमा अजीत मिश्रा के अलावा अन्य लोगों पर भी लिखवाया गया है.  

Advertisement
Advertisement