उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की एक अदालत ने 7 साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी माना है और सजा सुनाई है. दोषी द्वारा दुष्कर्म की शिकार मासूम बेटी के साथ हैवानियत का यह मामला पिता ने दर्ज कराया था. मगर, पिता और मां ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ गवाही नहीं दी. लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट, मेडिकल जांच और मासूम बच्ची के बयान के आधार पर दुष्कर्म की पुष्टि हुई. कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप साबित होने पर उसे आजीवन कारावास और पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, 7 अगस्त 2020 को मासूम बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. तभी 55 साल के बुजुर्ग ने उसे चॉकलेट देने के बहाने बुलाया और गोद में लेकर पास की झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म की घटना के दौरान आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ मारपीट भी की और उसका गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश की. बच्ची के घर वापस न लौटने पर जब परिवार के लोग उसे खोजने झाड़ियों की तरफ गए, तो वह बेहोश पड़ी मिली.
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उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था और गले पर निशान थे. इसके बाद पीड़ित बच्ची के पिता ने थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराने के अलावा घटनास्थल की फोरेंसिक टीम से भी जांच कराई. इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट 15 की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया.
अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित कुमार शुक्ला ने इस मामले में मासूम बच्ची, मामले की वादी व अन्य की गवाही कराई. न्यायालय में गवाहों के बयान में पीड़ित के पिता व माता ने अपने बयान बदल दिए, जबकि मासूम ने अपने साथ घटित घटना की वही कहानी बताई. मेडिकल रिपोर्ट व एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अमित कुमार शुक्ला द्वारा अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट की न्यायाधीश श्रद्धा तिवारी की अदालत में जिरह की गई.
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बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोपी पर रंजिश के चलते झूठा फंसाए जाने की जिरह की. इस मामले में दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने पीड़ित बालिका के बयान व मुकदमे में मेडिकल रिपोर्ट व एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म का दोषी मानते हुए दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. सजा सुनाने के बाद न्यायालय में मौजूद आरोपी को जेल भेज दिया गया. विशेष लोक अभियोजक पॉस्को अमित कुमार शुक्ला ने बताया कि सभी बातों पर विचार करते हुए न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तथा पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी दिया है.