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कम नहीं हो रहीं IAS अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें, CM योगी ने संपत्ति की विजिलेंस जांच का दिया आदेश

विजिलेंस विगं बरेली पीलीभीत हमीरपुर लखनऊ में तैनाती के दौरान अभिषेक प्रकाश द्वारा जुटाई गई बेनामी संपत्ति का ब्यौरा जुटाएगी. इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को पहले ही सोलर पावर कंपनी के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के एवज में कथित तौर पर घूस लेने के मामले में सस्पेंड किया जा चुका है.

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आईएएस अभिषेक प्रकाश
आईएएस अभिषेक प्रकाश

कमीशनखोरी में फंसे IAS अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब उनकी संपत्ति की विजिलेंस जांच होगी. यूपी शासन ने अभिषेक प्रकाश की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं. अब उत्तर प्रदेश पुलिस की विजिलेंस विंग अभिषेक प्रकाश के संपत्ति की जांच करेगी.

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विजिलेंस विगं बरेली पीलीभीत हमीरपुर लखनऊ में तैनाती के दौरान अभिषेक प्रकाश द्वारा जुटाई गई बेनामी संपत्ति का ब्यौरा जुटाएगी. इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को पहले ही SAEL सोलर पावर कंपनी के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के एवज में कथित तौर पर घूस लेने के मामले में सस्पेंड किया जा चुका है.

वहीं, एक बिजनेसमैन से रिश्वत मांगने वाले बिचौलिए को भी गिरफ्तार किया गया है. IAS अभिषेक पर SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से बिचौलिए के जरिए 5% कमीशन की मांग करने का आरोप लगा है. कंपनी के प्रतिनिधि की शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई की गई.

लगे थे ये आरोप
दरअसल, SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने 20 मार्च को शिकायत की थी कि वे उत्तर प्रदेश में सोलर सेल, सोलर पैनल और सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री स्थापित करना चाहते हैं. इसके लिए कंपनी ने UP इन्वेस्ट के तहत Letter of Comfort (LOC) के लिए आवेदन किया था, लेकिन कमीशन न देने के कारण उनकी फाइल बार-बार टाल दी गई.

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि IAS अभिषेक प्रकाश ने उनसे निकांत जैन से मिलने को कहा और स्पष्ट कर दिया कि यदि जैन सहमति देंगे, तभी संस्तुति होगी. जब विश्वजीत दत्ता निकांत जैन से मिले, तो उन्होंने 5% कमीशन की मांग रखी. हालांकि, 12 मार्च 2025 को हुई मूल्यांकन समिति की बैठक में कंपनी को LOC जारी करने की संस्तुति कर दी गई थी, लेकिन अभिषेक प्रकाश ने इसे फिर से री-इवैल्युएट करने का आदेश दे दिया.

सीएम ने किया सस्पेंड
जब मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आया, तो उन्होंने पूरी पत्रावली मंगवाई और जांच के आदेश दिए. जांच में फाइल पर की गई तारीखवार टिप्पणियों और अधिकारियों से पूछताछ के बाद गड़बड़ियों की पुष्टि हुई. जांच के बाद, विश्वजीत दत्ता की शिकायत पर लखनऊ के गोमती नगर थाने में निकांत जैन के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई. पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

वहीं, मुख्यमंत्री ने कड़ा फैसला लेते हुए IAS अभिषेक प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए. उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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2006 बैच के IAS अफसर हैं अभिषेक प्रकाश
अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के IAS अफसर हैं. साल 1982 में जन्मे अभिषेक प्रकाश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में वो सचिव, यूपी सरकार, आईडीसी विभाग एवं सीईओ इन्वेस्ट यूपी का चार्ज संभल रहे थे. उन्होंने साल 2000 से 2004 के बीच IIT रुड़की से इंजीनियरिंग की है. इसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया. इतना ही नहीं अभिषेक प्रकाश लखीमपुर खीरी, लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर जिलों के डीएम भी रह चुके हैं.

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