उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को लेकर हर रोज खुलासे हो रहे हैं. अब सामने आया है कि उमेश पाल हत्याकांड अंजाम देने के बाद असद ने बचने के लिए भी फुलप्रूफ प्लान तैयार किया था. हत्याकांड के बाद असद ने लखनऊ में स्थित अपने दोस्त आतिन जफर को फोन कर मोबाइल छिपाने को कहा था.
हत्याकांड के बाद असद ने दूसरे नंबर से फोन कर आतिन जफर को कहा था कि मेरा मोबाइल कहीं छिपा दो. आतिन जफर ही उमेश पाल हत्याकांड के वक्त असद का मोबाइल और एटीएम कार्ड यूज कर रहा था. असद के एटीएम से लखनऊ में आतिन जफर ने ही पैसे निकाले थे ताकि इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस में लखनऊ में मौजूदगी साबित की जा सके.
असद के एटीएम से पैसा निकालने वाला आतिन जफर, अतीक अहमद के बेहद करीबी जफरुल्लाह का बेटा है. जफरुल्लाह, अतीक अहमद के बेटे उमर के साथ लखनऊ जेल में बंद है. देवरिया जेल में मोहित जायसवाल अपहरण कांड में उमर के साथ जफरुल्लाह को भी गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने असद के मोबाइल को बरामद कर लिया है.
शाइस्ता के मददगारों की लिस्ट तैयार
इस बीच फरार शाइस्ता परवीन के खिलाफ पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस ने 6 वकीलों और 20 मददगारों की लिस्ट बनाई है, जिसकी मदद से शाइस्ता लगातार छिपती फिर रही है. ईडी ने भी शाइस्ता के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है. शाइस्ता को लेकर 50 बैंक खातों पर एजेंसी की नजर है. इनमें 10 खातों की सीज कर दिया गया है.
शाइस्ता को लेकर एक और खुलासा हुआ है. शाइस्ता ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद गुड्डू मुस्लिम और बाकी शूटरों को 50-50 हजार रुपये दिये थे. चकिया वाले घर पर पैसे का लेनदेन हुआ था. सूत्रों के हवाले से खबर है कि 50 हजार रुपये खत्म होने के बाद गुड्डू मुस्लिम, अतीक की बहन आयशा नूरी के पास पहुंचा था.
अतीक के काले धंधों की डायरी
इससे पहले प्रयागराज पुलिस को कस्टडी में मारे गए माफिया डॉन अतीक अहमद की डायरी मिली थी. सूत्रों के मुताबिक, अतीक के ससुर के घर एक डायरी मिली है, जिसमें अतीक के सारे कच्चे चिट्ठे हैं. कई करीबियों के नाम है. कई मददगारों के पते-नंबर हैं. डायरी में अतीक के यूपी के अलावा 5 राज्यों में फैले काले कारोबार का जिक्र है.
अतीक के धंधे दिल्ली से लेकर मुंबई तक और एमपी, राजस्थान से लेकर गुजरात तक फैले हैं. कई बेनामी संपति है. रियल एस्टेट से लेकर होटल तक के कारोबार हैं. मौके से पुलिस ने अतीक के साले जकी अहमद का आधार कार्ड भी बरामद किया है. इस डायरी में पांच राज्यों में अतीक के फैले हजारों करोड़ के कारोबार की फेहरिस्त शामिल है.
उमेश पाल की हत्या का था कोड नेम
इस बीच पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड के कोड वर्ड का खुलासा कर दिया है. दरअसल, 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या कर दी जाती है. अतीक अहमद के बेटे असद समेत कई शूटर दिनदहाड़े हत्याकांड को अंजाम देते हैं और फरार हो जाते हैं. पुलिस की जांच में इस हत्याकांड को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं.
अब जो सबसे नई जानकारी सामने आई है, उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. उमेश पाल हत्याकांड का कोड नाम रखा गया था. हत्याकांड का खास नाम 'ऑपरेशन जानू' था. अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन ने फाइनल कोड किया था. ऑपरेशन जानू की एक एक डिटेल शाइस्ता ने ही तय किया था. उसने ही फाइनल किया था कि शूटर कौन-कौन होंगे?