scorecardresearch
 

आगरा: 'जामा मस्जिद की सीढ़ियों को खोदकर निकाली जाएं दबी मूर्तियां', कोर्ट में याचिका दाखिल

ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे ने 11 मई को यह वाद दाखिल किया. पांडे के मुताबिक, मुस्लिम नमाज के लिए मस्जिद में घुसते समय हर दिन हमारे भगवान की मूर्तियों को अपने पैरों तले रौंदते हैं, यह हिंदू समाज का अपमान है. ऐसे में अब उन्होंने सिविल कोर्ट में वाद दायर कर जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे कथित रूप से दबी भगवान केशवदेव की मूर्तियों को निकालने का आदेश देने की मांग की है.

Advertisement
X
जामा मस्जिद आगरा
जामा मस्जिद आगरा

आगरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने सिविल जज कोर्ट में वाद दायर कर जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे कथित रूप से दबी भगवान केशवदेव की मूर्तियों को निकालने का आदेश देने की मांग की है. कोर्ट ने वाद को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 31 मई तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. 

Advertisement

बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे ने 11 मई को यह वाद दाखिल किया. सिविल कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद आगरा किला, छोटी मस्जिद दीवान ए खास, जहांआरा बेगम मस्जिद आगरा किला के सचिव, यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को नोटिस जारी किया है. 

मथुरा के भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर हाल ही में आगरा में भगवत कथा करने पहुंचे थे. वे ट्रस्ट के संरक्षक भी हैं. भगवत कथा के दौरान देवकीनंदन ने मांग उठाई कि भगवान केशवदेव की मूर्तियों को हिंदुओं को सौंपी जाएं. अब ट्रस्ट ने आगरा सिविल कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की है, जिसमें मांग की गई है कि मस्जिद की सीढ़ियों को खोदा जाए और मूर्तियों को निकाला जाए. 

Advertisement

ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे के मुताबिक, मुस्लिम नमाज के लिए मस्जिद में घुसते समय हर दिन हमारे भगवान की मूर्तियों को अपने पैरों तले रौंदते हैं, यह हिंदू समाज का अपमान है. मुसलमानों ने ठाकुर देवकीनंदन द्वारा की गई सीढ़ियां खोदने की अपील को नजरअंदाज कर दिया, ऐसे में कोर्ट जाना ही एकमात्र विकल्प है. 

मनोज पांडे ने दावा किया कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान कृष्ण की मूर्तियों के दबे होने के पर्याप्त प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास औरंगजेब के शासनकाल के दौरान लिखी गई एक किताब की सामग्री है, जिसे वह अदालत में पेश करना चाहते हैं.

पांडे के मुताबिक, ऐसी कई ऐतिहासिक रिपोर्टें हैं जो साबित करती हैं कि औरंगजेब ने 1670 में केशवदेव मंदिर को तोड़ दिया और आगरा में जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे केशवदेव की मूर्ति को दफन कर दिया था. कई इतिहासकारों ने इसके बारे में अपने लेखों में लिखा भी है. इन मूर्तियों को बचाया जाना चाहिए ताकि मथुरा में उनकी पूजा की जा सके. ट्रस्ट की कानूनी टीम में ब्रजेंद्र सिंह रावत, विनोद शुक्ला, कृष्णा रावत, दिलीप दुबे, नितिन शर्मा और अन्य शामिल हैं. 

 


 

TOPICS:
Advertisement
Advertisement