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Metro Train: लखनऊ-दिल्ली मेट्रो का अपग्रेडेड वर्जन है आगरा मेट्रो रेल, जानें खासियत

आगरा की मेट्रो ट्रेन अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है, जो सुरक्षित, प्रदूषणमुक्त एवं किफायती यात्रा का साधन होगी. आगरा मेट्रो ट्रेन थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेगी. इस प्रणाली में पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) प्रणाली की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल (पटरी) का प्रयोग किया जाता है.

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Agra Metro Rail (File Photo)
Agra Metro Rail (File Photo)

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा मेन लाइन पर आगरा मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग शुरू हो गई है. आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग में मंगलवार यानी 11 जुलाई को 3 किलोमीटर के ट्रैक पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन दौड़ी. कहा जा रहा है कि ये ट्रेन लखनऊ और दिल्ली में चल रही मेट्रो का अपग्रेडेड वर्जन है. 

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यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि आगरा की मेट्रो ट्रेन अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है. जो यात्रियों के लिए सुरक्षित, प्रदूषणमुक्त एवं किफायती यात्रा का साधन होगी. उन्होंने कहा कि आगरा मेट्रो ट्रेन थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेगी. इस प्रणाली में पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) प्रणाली की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल (पटरी) का प्रयोग किया जाता है. 

बता दें कि OHE प्रणाली में ट्रैक के ऊपर तारों का प्रयोग किया जाता है. इस प्रणाली में ट्रेनें छत पर लगे पैंटोग्राफ के द्वारा ओएचई लाइन से ऊर्जा लेकर चलती है. वहीं, थर्ड रेल प्रणाली में ट्रेनें ट्रैक के समानांतर बिछाई गई तीसरी पटरी से ऊर्जा लेकर चलती हैं. 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली आगरा मेट्रो ट्रेनें संचालन के लिए थर्ड रेल का प्रयोग करेंगी. इस प्रणाली में कॉरिडोर के ऊपर कोई तार न होने की वजह से आगरा मेट्रो कॉरिडोर भी बेहद आकर्षक नजर आएगा. इसका निर्माण 'मेक इन इडिंया' के तहत गुजरात के सावली में स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में किया जा रहा है. अबतक तीन मेट्रो ट्रेनें आगरा आ चुकी हैं, जिनकी टेस्टिंग आगरा मेट्रो डिपो में की जा रही है. आगरा की मेट्रो रेल दिल्ली और लखनऊ की तुलना में अपग्रेडेड वर्जन है.

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आगरा में जल्द चलेगी मेट्रो, स्पीड टेस्टिंग में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन
 
 
आगरा मेट्रो ट्रेन की विशेषताएं: 

  • इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 35%  तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा. वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा.
  • इन ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा.
  • ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी.
  • आगरा मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी.
  • इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी प्रति घंटा तक होगी.
  • ट्रेन के पहले और आख़िरी कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी. व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताकि वे आराम से ट्रेन से उतर सकें.
  • ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्यूशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगें होंगे.
  • आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा.
  • इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है.
  • हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुंचेगा.
  • हर ट्रेन में 56 यूएसबी (USB) चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे.
  • इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे.
  • टॉक बैक बटन: इस बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं. यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा.

गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे. ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा, जिसमें 6 एलीवेटिड और 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 किमी लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे.

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