पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में फंसे आगरा निवासी रविंद्र कुमार की पत्नी आरती का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मेरे पति को हनी ट्रैप में फंसाया गया है. ये केवल एक हनी ट्रैप है, जासूसी नहीं. उनके ऊपर मानसिक प्रेशर डाला गया होगा, इसीलिए एटीएस वाले उनको अपने साथ ले गए हैं. वो ऐसा नहीं कर सकते. पति पर लगे सारे आरोप गलत हैं.
बकौल आरती- वो (रविंद्र कुमार) बहुत ही सज्जन पुरुष हैं. बेहद ही जेंटलमैन. उनका फीडबैक बहुत अच्छा है. घर और आस पास के सब लोग जानते हैं. उनको फंसाया जा रहा है. यूपी ATS घर आई और बोली कि हमें रविंद्र का फोन चेक करना है, इसलिए हम इन्हें अपने साथ लेकर जा रहे हैं. उसके बाद इतना बड़ा मुद्दा बना दिया.
आरती कहती हैं कि ATS मोबाइल चेक करने के नाम पर पति को अपने साथ ले गई थी. लेकिन उसके बाद आरोप लगा दिए. मेरे पति जासूस नहीं हैं. पहले उन्हें हनी ट्रैप में फंसाया, अब उनपर मेंटल प्रेशर डाला जा रहा है.
वहीं, रविंद्र के पड़ोसी सुधांशु गुप्ता भी हैरान हैं. उन्होंने कहा कि हम 70 साल से यहां रह रहे हैं. रविंद्र के परिवार वाले बहुत अच्छे लोग हैं. वह सुबह 8 बजे जाते थे और रात 10 बजे लौटते थे. हमें कभी नहीं लगा कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल होंगे. अब जांच एजेंसियां आगे निर्णय लेंगी. हालांकि, रविंद्र से ज्यादा मेल मिलाप नहीं था मगर ये खबर सुनने के बाद हम पूरा मोहल्ला दंग है. रविंद्र इस तरह की कोई गतिविधि में शामिल होंगे, कभी सोचा नहीं था. रविंद्र के परिवार में पत्नी, मां और दो बेटे हैं.
कथित ISI एजेंट रविंद्र कुमार गिरफ्तार
आपको बता दें कि यूपी ATS ने आगरा से कथित ISI एजेंट रविंद्र कुमार को 14 मार्च को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि रविंद्र पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था. पूर्व में वह फ़िरोज़ाबाद जिले के हजरतपुर की आर्डिनेंस फैक्ट्री में चार्ज मैन के तौर पर कार्य करता था. लेकिन फिर वो पाकिस्तान से ऑपरेटर होने वाले एक फेसबुक अकाउंट को खुफिया जानकारी देने लगा. ये अकाउंट नेहा शर्मा के नाम से था.
आरोप है कि रविंद्र लंबे समय से पाकिस्तान को ख़ुफ़िया सूचनाएं लीक कर रहा था. ATS के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं. रविंद्र का परिवार मूल रूप से मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहता था. कई वर्षो से रविंद्र परिवार सहित आगरा में रह रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, रविंद्र कुमार फेसबुक के जरिए नेहा शर्मा नाम की एक महिला के संपर्क में आया. फेसबुक के जरिए ही रविंद्र ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के गोपनीय दस्तावेज उस महिला को भेज रहा था. वह महिला ISI के लिए काम करती है.
यूपी ATS को रविंद्र के मोबाइल से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की कई सीक्रेट रिपोर्ट मिली हैं. इतना ही नहीं उसके मोबाइल से ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट, कई गोपनीय जानकारियां व स्क्रीनिंग कमेटी के कॉन्फिडेंशियल पत्र भी मिले हैं.
फिलहाल, ATS अब यह पता लगाने में जुटी है कि रविंद्र कितने समय से ISI के लिए काम कर रहा था और उसने कितनी गोपनीय जानकारी लीक की है. ATS उसके बैंक खातों की जांच कर रही है, जिसमें तीन बार अनजान खातों से पेमेंट आने की बात सामने आई है. सोशल मीडिया चैट्स की फॉरेंसिक जांच से और खुलासे होने की उम्मीद है.