यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शनिवार को अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने यह दावा करके भगवान राम का अपमान किया है कि वह राम को अयोध्या में मंदिर में लेकर आई, जबकि हिंदू भगवान हमेशा लोगों के दिलों में रहते हैं. उन्होंने कहा, "जब भगवान राम दिल में बसते हैं, तो नाम लेने की क्या जरूरत है? राम पहले भी थे."
अखिलेश यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण का हवाला देते हुए यह भी कहा कि राम मंदिर अभिषेक से पहले अयोध्या के सौंदर्यीकरण पर 31,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. उन्होंने ट्रेजरी बेंच द्वारा पेश किए गए बजट की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सरकार इसे गुप्त रूप से खर्च करना चुनती है तो इसका कोई मतलब नहीं है. आवंटित राशि में से कितनी राशि खर्च की गई, इसकी जानकारी सरकार नहीं देती है.
सपा प्रमुख ने योगी आदित्यनाथ द्वारा शिवपाल यादव को लेकर ली गई चुटकी पर भी पलटवार किया. उन्होंने बिना नाम लिए कहा, बात खानदान तक पहुंची है तो खानदान बढ़ाने के लिए भी कुछ करना चाहिए. जहां तक बात पहुंचनी है, पहुंच चुकी है." उनके इस बयान के दौरान सीएम योगी मुस्कुराते नजर आए.
'कट्टर समाजवादी हैं और अखिलेश यादव के चाचा बने रहेंगे'
इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा में कहा कि वह कट्टर समाजवादी हैं और अखिलेश यादव के चाचा बने रहेंगे. शिवपाल सिंह की टिप्पणी आदित्यनाथ के उस तंज का जवाब थी, जिसमें यूपी सीएम ने कहा था कि अखिलेश अपने चाचा का सम्मान नहीं करते हैं और समाजवादी पार्टी (सपा) में शिवपाल सिंह को उनका हक नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने अपनी टिप्पणी में शिवपाल को 'चाचू' कहा था.