
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई. गंगा स्नान के बाद वह साधु-संतों और धर्माचार्यों से मिलने उनके शिविरों में पहुंचे. इसी कड़ी में उन्होंने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से भी मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें अखिलेश यादव धर्माचार्यों के चरणों में बैठे नजर आ रहे हैं. इस दौरान अखिलेश ने संतों संग प्रसाद ग्रहण किया और उनके शिविर में श्रम दान भी किया. इस पूरे कार्यक्रम में अखिलेश के साथ उनके बेटे अर्जुन भी मौजूद रहे.
आपको बता दें कि रविवार दोपहर को महाकुंभ पहुंचे सपा मुखिया ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. गंगा में स्नान किया. फिर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर और अन्य साधु संतों से मिले. इस्कॉन मंदिर भी गए. साथ ही संतों के शिविर में जाकर लंगर सेवा में श्रम दान भी किया. आखिर में बेटे संग प्रसाद ग्रहण कर महाकुंभ से अपने गंतव्य की ओर निकल गए.
हालांकि, इन सबके बीच अखिलेश यादव की उस फोटो की काफी चर्चा है जिसमें वह शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आश्रम में बैठे दिख रहे हैं. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे अखिलेश शंकराचार्य के सामने जमीन पर दरी/चटाई पर श्रद्धा भाव से बैठे हैं, उन्होंने दोनों हाथ जोड़े हुए हैं और हंसते-मुस्कुराते हुए शंकराचार्य से वार्तालाप कर रहे हैं. इस दौरान शंकराचार्य भी काफी प्रसन्न नजर आ रहे हैं. उन्होंने अखिलेश को प्रसाद के तौर पर लड्डू भी दिए.
इसको लेकर श्री शंकराचार्य शिविर, ज्योतिर्मठ, बद्रिकाश्रम के प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि अखिलेश यादव ने महाराज श्री के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लिया. अखिलेश ने यज्ञशाला की परिक्रमा भी की. मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि महाराज श्री ने अखिलेश यादव को देशी गायों के संरक्षण पर जोर दिया.
आपको बता दें कि संगम स्नान के बाद 'आजतक' से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने 11 डुबकी लगाई हैं. गंगा में स्नान करते समय सूर्य को अर्घ्य भी दिया. जब उनसे पूछा गया कि आखिर 11 बार डुबकी लगाने के पीछे की क्या वजह है? तो इसका जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा- बड़े संतों का मानना है कि 11 बार डुबकी लगाना काफी पुण्य का काम है. ये अच्छा माना जाता है.
मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संगम पर महाकुंभ मनाया जा रहा है. ऐसा संयोग 144 साल बाद आया है. भगवान से यही कामना है कि सौहार्द्र रहे, सहनशीलता रहे, जनता का कल्याण हो. अखिलेश ने आगे कहा कि हमें याद है कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब हमें कुंभ कराने का मौका मिला था. तब हमने कम संसाधन में इसे बेहतर तरीके से कराया था. यह बात तमाम स्टडी कहती हैं. आज जितना बजट दिया गया है उसके हिसाब से सुविधा का अभाव है.