PCS और RO/ARO प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराने की मांग को लेकर यूपी के प्रयागराज में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन (Prayagraj Students Protest) जारी है. प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के दफ्तर के बाहर हजारों छात्र जमा हैं. हालांकि, इस मुद्दे को लेकर सियासत भी देखने को मिल रही है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को खत्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है. आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताकत दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके. जुड़ेंगे तो जीतेंगे.
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने UPPSC अभ्यर्थियों के प्रोटेस्ट से चुनावी गणित का आकलन कर भाजपा को नसीहत दी. सपा मुखिया ने 'एक्स' पर लिखा- भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है. अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी.
बकौल अखिलेश यादव- उम्मीद है इस गणित को समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज मांग को पूरा करेगी.
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा की एक आदत पड़ गई है, जनाक्रोश से डरकर आख़िरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीके नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फ़ेल हो जाती है. हालांकि, भाजपा हमेशा के लिए ख़त्म होनेवाली है. अभ्यर्थी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.
इससे पहले सपा मुखिया ने कहा था कि सरकार लाख कोशिशों के बाद भी आख़िर में इलाहाबाद के जुझारू आंदोलनकारी युवक-युवतियों के सामने हारेगी और दिखावा ये करेगी कि सब गलती यूपी लोक सेवा आयोग के अधिकारियों की है.
देश-प्रदेश चलाने के लिए जो प्रतिभावान युवा IAS/PCS या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी बनते हैं, उनमें इतनी अधिक समझ होती है कि वो ये बात आसानी से समझ सकें कि इस खेल के पीछे असल में कौन है. भाजपा के चेहरे से एक के बाद एक मुखौटे उतर रहे हैं और भाजपा का ‘नौकरी विरोधी’ चेहरा अभ्यर्थियों के सामने बेनक़ाब होता जा रहा है. अच्छा हो कि भाजपा नाटक करना छोड़ दे.