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'मुसलमान होने की मिल रही सजा', आजम खान को 7 साल जेल होने पर बोले अखिलेश यादव

कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराया है. तीनों को कोर्ट ने सात साल की जेल की सजा सुनाई है. इसको लेकर एक तरफ अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है.

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आजम खान और अखिलेश यादव
आजम खान और अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराया है. तीनों को कोर्ट ने सात साल की जेल की सजा सुनाई है. इसको लेकर एक तरफ अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. वहीं आजम खान ने सजा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इंसाफ और फैसले में फर्क होता है. आज फैसला हुआ है, इंसाफ नहीं.

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दरअसल, मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार टाडा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. लेकिन इसके बाद उनके खिलाफ बीजेपी नेता आकाश सक्सेना द्वारा कोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया. उन पर चुनाव आयोग में पर्चा दाखिल करने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लगाने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद अब्दुल्ला की विधायकी चली गई थी. वहीं अब कोर्ट ने मामले में सजा सुना दी है.

इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि आजम खान मुसलमान हैं, इसलिए उनको इस तरह की सजा का सामना करना पड़ रहा है. 

इसके साथ ही अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "माननीय आजम खान जी और उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो देख भी रही है और समझ भी रही है. कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा-तालीम को बढ़ावा देने वाले लोग समाज में सक्रिय रहें. इस सियासी साजिश के खिलाफ इंसाफ के कई दरवाजे खुले हैं. जुल्म करने वाले याद रखें. नाइंसाफी के खिलाफ एक अदालत अवाम की भी होती है."

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बीजेपी ने फैसले की तारीफ की

उधर बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि आजम खान ने सत्ता के रसूख में कानून को अपने बूटों तले रौंदा है. पाप का घड़ा एक न एक दिन फूटता जरूर है. आजम खान ने जो बोया था, वही काट रहे हैं. उनको सजा मिलने से सामान्य लोगों का कानून में भरोसा और मजबूत हुआ है. ये समाजवादी पार्टी के लिए करारा तमाचा है. सपा को अब आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का संरक्षण बंद करना चाहिए.

दो बर्थ सर्टिफिकेट, दोनों में अलग-अलग जन्म स्थान 

बता दें कि अब्दुल्ला पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के साथ ही सरकारी उद्देश्य के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का भी आरोप है. इसके अलावा उन पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए भी इसका उपयोग करने का आरोप है. दरअसल, आरोप के मुताबिक अब्दुल्ला आजम के पास दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र हैं. एक 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया है, जिसमें रामपुर को अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में दिखाया गया है. वहीं दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया है, जिसमें लखनऊ को उनका जन्मस्थान दिखाया गया है.

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