उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एकबार फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने अखिलेश यादव के 'पीडीए' को 'परिवार डेवलपमेंट एजेंसी' बताया और कहा कि ये सब एक 'छलावा' है. वहीं, अखिलेश 'पीडीए' को 'पिछड़े' (पिछड़े), दलित और 'अल्पसंख्यक' (अल्पसंख्यक) का गठजोड़ बताते रहे हैं. उन्होंने हाल ही में 'पीडीए' को 'संविधान की ढाल' कहा था.
बीते दिन सपा मुखिया ने बिना नाम लिए केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्होंने क्या सपना देखा था और क्या हासिल हुआ. वह गवर्नमेंट सर्वेंट बनकर रह गए हैं. इस बयान पर केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा- "सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, आप मुझे चाहे जितना गाली दें या अपमानित करें, लेकिन मैं आपके लिए हमेशा सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग करूंगा. लेकिन याद रखिए, यूपी की जनता आपकी अपमान और तुष्टिकरण की राजनीति का मुंहतोड़ जवाब देगी."
मौर्य ने आगे कहा, "पिछड़े वर्ग और गरीब आपकी साइकिल पंचर कर देंगे और सपा को 'समाप्तवादी पार्टी' में बदल देंगे! सच तो यह है कि आप कभी भी एक मजबूत, पिछड़े नेता को बर्दाश्त नहीं कर सकते."
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा, "आपकी पीडीए (परिवार विकास एजेंसी) सिर्फ एक धोखा है. अगर आप वास्तव में छत्रपति शिवाजी महाराज के समर्थक होते, तो औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले विधायक अबू आजमी अब तक सपा से बाहर हो चुके होते."
दरअसल, दो हफ्ते पहले, अखिलेश यादव ने मुगल सम्राट औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित किए जाने के बाद अपनी पार्टी के नेता अबू आजमी का समर्थन किया था.
अखिलेश का बीजेपी पर हमला
अखिलेश यादव सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "पीडीए 90 प्रतिशत लोगों की एकता का नाम है. पीडीए संविधान और आरक्षण की ढाल है. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा कि भाजपा की नकारात्मक राजनीति समाज में संकट और दूरियां पैदा करने की रही हैं. भाजपाइयों ने एंग्लों-इंडियन्स का आरक्षण समाप्त किया, किसानों को परेशान करने के लिए काले क़ानून लाए, नोटबंदी से हर नागरिक को परेशान किया, जीएसटी से छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और कारोबारियों को परेशान किया, धर्म-जात की विभेदकारी नफ़रत की राजनीति की और अब वक्फ बोर्ड की सियासत. दरअसल, भाजपा को ये डर है कि उनका जो भी 5-10% प्रतिशत कट्टर समर्थक है उसे कैसे ख़ुश करके बचाया-बनाया जा सके नहीं तो भाजपा के लिए 1-2 सीट के भी लाले पड़ जाएंगे.