उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में लोको पायलट की सतर्कता के कारण एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कुछ अराजक तत्वों ने कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस ट्रेन (संख्या 05389) को डिरेल करने की कोशिश की. दरअसल रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का भारी बोटा रख दिया था. इंजन में यह बोटा फंस गया जिसके चलते ट्रेन करीब 25 मिनट तक घटनास्थल पर खड़ी रही. घटना की सूचना मिलते ही रेलकर्मी मौके पर पहुंचे और बोटे को हटाया.
इसके बाद ट्रेन रात 12 बजकर पांच मिनट पर ट्रेन शमशाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची और उसके बाद ट्रेन के गार्ड व ड्राइवर ने घटना की सूचना रेलवे स्टेशन पर दी. बताया जा रहा है कि अराजक तत्वों ने भटासा रेलवे स्टेशन की सीमेंट पटिया भी तोड़ दी थी. गनीमत यह रही कि इस हादसे में रेल संपत्ति या किसी तरह की जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. लकड़ी के बोट की लंबाई लगभग 137 सेंटीमीटर, औसत व्यास 20 सेंटीमीटर और वजन लगभग 30 किलोग्राम बताया जा रहा है.
कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश
डॉग स्क्वॉड के साथ जीआरपी, आरपीएफ और रेलवे की टीम मौके पर पहुंचकर जांच की. रेलवे पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. ट्रेन 23 अगस्त की रात कासगंज रेलवे स्टेशन से 11:18 बजे पर फर्रुखाबाद के लिए रवाना हुई थी. रेलवे सुरक्षा बल ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
अराजक तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का भारी बोटा रख दिया था
बता दें, कानपुर में बीते 17 अगस्त को रेल हादसा हुआ था. इस घटना में ट्रेन के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि साबरमती एक्सप्रेस (वाराणसी से अहमदाबाद) का इंजन कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकरा गया था, जिसके कारण यह हादसा हुआ. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दी दर्ज की थी.