इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुजफ्फरनगर के एक स्कूल की महिला शिक्षक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. महिला शिक्षक ने कक्षा 2 के छात्रों से अपने मुस्लिम दोस्त को थप्पड़ मारने के लिए कहा था. इस बात की जानकारी एक वकील ने गुरुवार को दी. अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब महिला टीचर जेल जा सकती है.
अभियोगी के वकील ने इसके बाद कहा कि न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने मामले में शिक्षिक को राहत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही आदेश की तारीख से दो सप्ताह के भीतर संबंधित अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने को भी कहा है. इसके अलावा कोर्ट ने नियमित जमानत के लिए आवेदन करने का भी निर्देश दिया है.
इन धाराओं के तहत दर्ज है मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पुलिस ने तृप्ति त्यागी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया. जिसमें धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण काम करना) शामिल है.
निचली अदालत ने भी खारिज कर दी थी याचिका
इससे पहले मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत ने अक्टूबर में त्यागी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. विशेष न्यायाधीश अलका भारती ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोपी इस तरह की राहत के लिए वास्तविक आधार पेश करने में विफल रहा है. इसलिए कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
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2023 में सामने आया था वीडियो
ये मामला एक साल पहले का है जब अगस्त 2023 में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें त्यागी अपने छात्रों को एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने का निर्देश दे रही थीं और सांप्रदायिक टिप्पणी कर रही थीं. इस वीडियो के सामने आने के बाद त्यागी की नींदा हुई थी.
इसी मामले में 10 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित बच्चे की काउंसलिंग के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने के अपने आदेश का पालन नहीं करने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. वहीं 12 जनवरी को, शीर्ष अदालत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी.