इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दिया है. इस याचिका को वापस ले लिया गया था, जिस आधार पर जनहित याचिका खारिज कर दी गई.
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका जितेंद्र सिंह बिसेन, राखी सिंह व अन्य की तरफ से दाखिल की गई थी. ये वहीं राखी सिंह थीं, जिन्होंने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी.
श्रृंगार गौरी केस की जांच को लेकर याचिका
जनहित याचिका में मांग की गई थी कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता, तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए. इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाने की मांग की गई थी. कोर्ट से यह भी मांग की गई कि इस तरह की व्यवस्था की जाए, जिससे ज्ञानवापी में एएसआई सर्वेक्षण का काम प्रभावित न हो.
हाई कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका वकील सौरभ तिवारी की ओर से दायर की गई थी. इस याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच में हुई थी और इसी कोर्ट में जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया.
ज्ञानवापी में चल रहा है ASI का सर्वे
बता दें कि वाराणसी की सेशंस कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI का सर्वे कराने की अनुमति दी थी, जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी जारी रखा, जिसके बाद परिसर में सर्वे जारी है.