पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य (PCS Officer Jyoti Maurya) और उनके पति आलोक मौर्य के विवाद में एक नाटकीय मोड़ आया है. आलोक ने पत्नी पर लगाए गए सभी आरोप वापस ले लिए हैं. हालांकि, उन्होंने इसकी कोई वजह नहीं बताई है. मीडिया ने उनसे इस बारे में कई बार सवाल किए.
दरअसल, सोमवार को आलोक जांच कमेटी के सामने ज्योति मौर्य के खिलाफ साक्ष्य पेश करने पहुंचे थे. वो अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद के सामने पेश हुए और जांच कमेटी के दफ्तर में करीब आधे घंटे तक मौजूद रहे. उन्होंने जांच कमेटी को लिखित प्रार्थना पत्र देकर शिकायत पत्र वापस ले लिया.
'सोच-समझकर शिकायत वापस ले रहा हूं'
आलोक ने कहा है, 'मैं सोच-समझकर शिकायत वापस ले रहा हूं'. उनके इस फैसले से ज्योति को बड़ी राहत मिली है. अब जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट कमिश्नर प्रयागराज को भेजेगी. इसके बाद शासन यह तय करेगा कि मामले में जांच करनी है या नहीं.
आलोक ने अवैध संबंध का भी लगाया था आरोप
बता दें कि आलोक ने पीसीएस पत्नी ज्योति मौर्य के भ्रष्टाचार की शिकायत शासन से की थी. आरोप लगाया था कि पीसीएस अफसर बनने के बाद उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है. साथ ही पत्नी पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से अवैध संबंध का भी आरोप लगाया था.
वहीं ज्योति ने धूमनगंज थाने में दहेज उत्पीड़न का केस आलोक और उसके परिवार पर दर्ज कराया. फिलहाल, आलोक बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. अब देखना होगा कि मामले में आगे क्या होता है.
18 अगस्त को कोर्ट में पेश नहीं हुए थे आलोक और ज्योति
इससे पहले ज्योति और आलोक के तलाक मामले में 18 अगस्त को फैमिली कोर्ट प्रयागराज में सुनवाई होनी थी. मगर ज्योति हाजिर नहीं हुई थीं. साथ ही आलोक भी कोर्ट नहीं पहुंचे थे. इसको लेकर दोनों पक्षों के वकीलों की ओर से कोर्ट में माफीनामा लगाया गया.
इससे पहले ज्योति ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनके वकील सत्यम सिंह ने अर्जी दाखिल की थी. इसमें ज्योति ने अपने खिलाफ सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर पोस्ट किए गए वीडियो, मीम्स आदि को हटाने का आदेश देने की गुहार लगाई.
इस संबंध में उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप सहित अन्य इंटरनेट प्लेटफार्म से फर्जी समाचार, ऑडियो, वीडियो और आपत्तिजनक खबरें हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया था.