बात साल 2001 की है. उस समय गौतमबुद्धनगर में रियल स्टेट का काम फल फूल रहा था. साथ ही अवैध सरिया माफिया का कारोबार तेजी से बढ़ रहा था. इसमें सुंदर भाटी गैंग के लिए अनिल दुजाना काम करने लगा. स्क्रैप हो या फिर अवैध सरिया का कारोबार, उससे सुंदर भाटी गैंग को काफी पैसा आने लगा. काफी लंबे समय तक अनिल दुजाना सुंदर भाटी के लिए काम करता रहा.
साल 2001 में ही नोएडा के सेक्टर-20 थाना इलाके में हुई डकैती में अनिल दुजाना का नाम आया. इसके बाद अनिल दुजाना ने गाजियाबाद के थाना कविनगर क्षेत्र में सीकरी के रहने वाले और थाना बिसरख क्षेत्र के जलालपुर गांव के रहने वाले एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया. इसमें अनिल दुजाना पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ.
अनिल सुंदर भाटी के दुश्मन के साथ करने लगा काम
इसी दौरान सुंदर भाटी गैंग की दुश्मनी नरेश भाटी से हो गई, जो कि तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष भी था. धीरे-धीरे अनिल दुजाना के पास पैसा आता गया. अनिल को लगा कि अब उसको किसी की जरूरत नहीं है और खुद का ही एक गैंग खड़ी करने की सोचने लगा. अनिल सुंदर भाटी के दुश्मन रणदीप रिठौरी, राणपाल, अमित कसाना के साथ काम करने लगा .
साल 2012 वो समय ऐसा आया जब अनिल ने अपना वर्चस्व कायम करने के लिए साहिबाबाद में सुंदर भाटी पर हमला किया. गनीमत रही कि सुंदर भाटी उसमें बच गया. उसको एके-47 और आधुनिक हथियार चलाने का बहुत शौक था, क्योंकि उसका समय बदल रहा था. इसी बीच पुलिस विभाग के पास भी आधुनिक हथियार आने लगे थे.
अनिल दुजाना के बड़े भाई की गोली मारकर हत्या
उधर, सुंदर भाटी पर अनिल द्वारा किए गए हमलों से आसपास के जिलों में मैसेज फैलने लगा कि सुंदर भाटी कमजोर पड़ गया है. इसलिए सुंदर ने घात लगाकर अनिल के बड़े भाई की गोली मारकर हत्या कर दी. इसकी वजह ये थी कि अनिल ने सुंदर भाटी के राइट हैंड माने जाने वाले दो बदमाशों को मौत के घाट उतार दिया था. वो दोनों ही सुंदर के लिए रंगदारी फिरौती और अवैध काम किया करते थे.
इसके बाद साल 2014-2015 में दोनों ने एक दूसरे को टेबल टॉक के लिए आमंत्रित किया. जिस पर दोनों में सुलह हुई कि अब से एक दूसरे पर हमले नहीं करेंगे. और न ही किसी भी केस में एक दूसरे के खिलाफ गवाही देंगे. जिससे कि किसी को अपने पर दर्ज हुए मुकदमे पर कोई कार्रवाई न हो सके.
अनिल दुजाना ने बागपत की रहने वाली लड़की से की शादी
साल 2017 में बीजेपी सरकार आते ही योगी आदित्यनाथ की तरफ से जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई. इसके बाद अनिल दुजाना और सुंदर भाटी ने एक-दूसरे पर हमले करना बिल्कुल ही बंद कर दिया. समय बीतता चला गया और दोनों गैंग अपने-अपने रास्ते हो गए. इसके बाद अनिल दुजाना ने बागपत के घिटोर गांव की रहने वाली लड़की से शादी कर ली.
इसके बाद अनिल दुजाना अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष का निर्दलीय उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ना चाहता था. मगर, उस समय तत्कालीन गौतमबुद्ध नगर कमिश्नर ने दो मुकदमे दर्ज कर दिए और पुलिस का जवाब बनते ही अनिल दुजाना की पत्नी ने अपना नाम वापस ले लिया.
अपराध की दुनिया में रुपये कमाने के लिए कूदा
बता दें कि अनिल अपराध की दुनिया में इस वजह से कूदा था ताकि उसके पास दौलत की कोई कमी न हो. अनिल दुजाना ने पहले पैसा कमाने के लिए क्राइम किया. इसके बाद क्राइम में बने रहने के लिए पैसा कमाया. फिर 2017-18 में अनिल को कई मामलों के लिए जेल जाना पड़ा और आपराधिक घटनाएं भी कम होने लगीं.
कुछ दिन पहले ही अनिल जमानत पर अयोध्या जेल से बाहर आया था. इसके बाद उसने फिर से अपने पिछले मुकदमों के गवाहों को धमकाना शुरू कर दिया. फिर अनिल दुजाना के ऊपर थाना सूरजपुर और थाना दादरी में दो मुकदमे दर्ज हुए. इसके बाद पुलिस अनिल दुजाना को तलाशने लगी. फिर रेकी करते हुए यूपी एसटीएफ ने 4 मई गुरुवार को अनिल को मेरठ के जानी इलाके में मुठभेड़ में ढेर कर दिया.
अनिल दुजाना के पास करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति
अनिल की संपत्ति की बात की जाए, तो उसकी संपत्ति का खास ब्यौरा नहीं लगाया जा सकता. उसके पास अवैध रूप से बनाई गई संपत्तियां थीं. उन संपत्तियों को उसने अपने खास करीबी 20 लोगों के नाम किया था. अगर अंदाजा लगाया जाए तो अनिल दुजाना के पास करीब सैकड़ों करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति है. जो कि ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बागपत और मुजफ्फरनगर जिलों में है.
प्रॉपर्टी पसंद आने पर उस पर लिख देता था JDS
यूपी एसटीएफ ने अनिल के एनकाउंटर के बाद की गई प्रेस वार्ता में कुछ लोगों के नाम सामने रखे. जो कि उसके लिए रंगदारी, फिरौती और अवैध काम करते थे. पुलिस उनकी भी जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि एक दशक अनिल दुजाना का ऐसा खौफ था कि जो प्रॉपर्टी उसे पसंद आ जाती थी, उस पर JDS लिख दिया जाता था.
JDS अनिल दुजाना का उस समय का कोड बन गया था. जीडीएस का पूरा मतलब था 'जय दादी शक्ति'. क्योंकि दुजाना गांव में एक माता का मंदिर है, जिसका यह नाम है. इसलिए अनिल दुजाना ने अपना कोड वर्ड JDS चुना था. बहरहाल, अनिल दुजाना यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में मारा गया है. वहीं, उसके पुलिस अब उसके करीबियों की भी खोजबीन में लगी हुई है.