उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सपा नेता आजम खान को एक और बड़ा झटका दिया है. आजम से जौहर ट्रस्ट की जमीन वापस लिए जाने के फैसले को मंजूरी मिल गई है. मंगलवार को यूपी कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई. इसके अलावा, यूपी कैबिनेट में अन्य प्रस्ताव भी पारित हुए हैं.
बता दें कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को लीज पर दी गई जमीन और भवन को वापस लेने का फैसला लिया है. ट्रस्ट की ओर से लीज के लिए दी गई शर्तों का पालन नहीं किया गया है. ऐसे में यह जमीन ट्रस्ट से वापस ली गई. इसके तहत प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए मामूली खर्च पर ग्राम समाज की जमीन देने की तैयारी है.
अखिलेश बोले- यह गलत फैसला है...
वहीं, इस मसले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा, सरकार का यह गलत फैसला है. कार्रवाई सिर्फ इसलिए की जा रही है क्योंकि वो मुस्लिम हैं.
रामपुर विधायक ने बताया पूरा मामला?
रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने कहा, यह पूरा मामला 1990 से पहले का है. रामपुर में एक राजकीय मुर्तजा स्कूल हुआ करता था, जिसमें करीब 4 हजार बच्चे पढ़ाई करते थे. वहीं पर बीएसए और जिला विद्यालय निरीक्षक का ऑफिस था. आजम ने नियमों को ताक पर रखते हुए उस सरकारी स्कूल की बिल्डिंग को पूरी तरीके से खाली करवाया. उन 4 हजार बच्चों के भविष्य को बर्बाद करते हुए वो पूरी प्रॉपर्टी जौहर ट्रस्ट के नाम करवाई. सपा की दोबारा सरकार बनने के बाद उस लीज को ट्रांसफर कराते हुए अपने व्यक्तिगत स्कूल रामपुर पब्लिक स्कूल में ट्रांसफर करवाया. हमने इसकी शिकायत की थी. हर शिकायत सही पाई गई. ये जमीनें गलत तरीके से दी गई थीं. मात्र 100 रुपए में 100 करोड़ की जमीन देना कैसे संभव है.
आजम सीतापुर जेल में बंद
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने 18 अक्टूबर को 7-7 साल की कैद की सजा सुनाई थी. साथ ही उनपर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था. हाल ही में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को रामपुर जेल से हटाकर अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया है. आजम खान इस वक्त सीतापुर जिला जेल में हैं जबकि अब्दुल्ला हरदोई जेल में. वहीं, तंजीम फातिमा रामपुर जेल में ही हैं.