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अपर्णा यादव कल उत्तर प्रदेश महिला आयोग में उपाध्यक्ष के तौर पर होंगी शामिल

करीबी सूत्रों ने बताया कि वह बुधवार सुबह औपचारिक रूप से आयोग में शामिल होंगी. अपर्णा यादव ने सोमवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, जिससे उन अफवाहों पर विराम लग गया कि वह सपा में फिर से शामिल होंगी.

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अपर्णा यादव-फाइल फोटो
अपर्णा यादव-फाइल फोटो

समाजवादी पार्टी संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष के तौर पर शामिल होंगी. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. अपर्णा यादव को पिछले सप्ताह इस पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है. ऐसी अटकलें थीं कि वह नियुक्ति से नाराज हैं.

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हालांकि, उनके करीबी सूत्रों ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी को बताया कि वह बुधवार सुबह औपचारिक रूप से आयोग में शामिल होंगी. अपर्णा यादव ने सोमवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, जिससे उन अफवाहों पर विराम लग गया कि वह सपा में फिर से शामिल होंगी.

प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि पिछले सप्ताह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बबीता चौहान को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और अपर्णा यादव तथा चारू चौधरी को एक वर्ष की अवधि या राज्य सरकार के निर्णय तक उपाध्यक्ष के तौर पर नामित किया था.

2017 में विधानसभा चुनाव हार गईं थी अपर्णा 
अपर्णा यादव के पास अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिप्लोमा है और उन्होंने 2017 में सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. तब अपर्णा यादव भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं. वह जनवरी 2022 में भाजपा में शामिल हो गईं. इसके बाद ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि पार्टी उन्हें चुनाव लड़वाएगी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. उसके बाद कई बार ऐसे मौके आए, कभी विधानपरिषद तो कभी राज्यसभा ऐसी अटकलें लगती रहीं कि बीजेपी उन्हें कुछ जिम्मेदारी तो देगी, लेकिन वह खाली हाथ ही रहीं.

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इस बीच उनकी सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लगातार मीटिंग जरूर होती रहीं. इस साल जब लोकसभा के चुनाव हुए तो लगा कि पार्टी उन्हें कन्नौज, मैनपुरी या अमेठी, रायबरेली से चुनाव लड़ाने की तैयारी करेगी, वो अटकलें भी समय के साथ खारिज हो गईं. बीजेपी संगठन में भी अपर्णा यादव को बीते ढाई साल से कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है.

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