अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल पर पॉलिटेक्निक कॉलेज में HOD की भर्ती को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस भर्ती में भ्रष्टाचार से लेकर आरक्षण के नियमों का पालन नहीं करने तक के आरोप लगे हैं, लेकिन आशीष पटेल ने यह कहकर मामले को सियासी रंग दे दिया है कि उनके चरित्र हनन के पीछे बड़े सियासी लोगों का हाथ है.
उनके खिलाफ शिकायत करने वालों में भाजपा विधायकों के साथ-साथ अनुप्रिया पटेल की बहन और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल भी हैं, लेकिन आशीष पटेल ने इन आरोपों पर यह कहकर सियासी तापमान को बढ़ा दिया है कि पल्लवी पटेल के पीछे कौन खड़ा है और किसकी शह पर उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं ये सभी जानते हैं. यही नहीं आशीष पटेल ने यह कहकर भी सियासत को और गरमा दिया है कि अगर प्रधानमंत्री या गृह मंत्री इशारा भी कर दें तो एक सेकंड भी नहीं लगेगा और इस्तीफा दे देंगे. आरोप लगे तो आशीष पटेल ने इस मुद्दे को अपना दल की अस्मिता से जोड़ने की कोशिश की, कहा यह सब कौन करवा रहा है किसी से छिपा नहीं है. पल्लवी पटेल को शह कहां से मिल रही है यह भी किसी से छिपा नहीं है.
आशीष पटेल ने बता दिया- उनके ऊपर बीजेपी की आलाकमान की छतरी
आशीष पटेल की बातों को डिकोड करते हुए सियासी जानकार कहते हैं कि उन्होंने सरकार में शीर्ष पदों पर मौजूद लोगों पर अपने चरित्र हनन की लिए उंगली उठाई है. यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार में रहते हुए उन्होंने यह भी जता दिया कि उनके लिए यूपी की सरकार यानी योगी सरकार मायने नहीं रखती उनके ऊपर अगर किसी का वश है तो वह बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व है और वो बेशक योगी सरकार में हों, लेकिन छतरी तो बीजेपी आलाकमान की ही है.
योगी को मानते हैं नेता, लेकिन इस्तीफा मोदी-शाह के कहने पर!
आशीष पटेल कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके नेता है, लेकिन अगर योगी मंत्रिमंडल से उन्हें इस्तीफा देना होगा तो इसके लिए प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के कहने के बाद ही वह इस्तीफा देंगे और उसकी वजह यह है कि 2014 में जब वह एनडीए में आए थे तो प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के कहने पर आए थे इसलिए कोई भी फैसला उनके कहने पर ही होगा.
पूरी तरह से पारदर्शी थी भर्ती प्रक्रिया: आशीष पटेल
आशीष पटेल ने आजतक से बातचीत में कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों में HOD की भर्ती प्रक्रिया में प्रमोशन की जो प्रक्रिया अपनाई गई है जो कि पूरी तरीके से न सिर्फ पारदर्शी थी बल्कि इसकी पूरी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय तक को थी. अपना दल (एस) नेता आशीष पटेल इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और गर्व के साथ इस प्रक्रिया के फैसले को अपना फैसला बता रहे हैं.
संसदीय कार्यमंत्री ने खत्म कराया पल्लवी पटेल का धरना
उधर, विधानसभा में अपनी बात रखने के लिए पल्लवी पटेल ने सोमवार की देर रात तक चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया. बाद में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उन्हें आश्वासन देकर धरने से उठाया, लेकिन अगर इस मामले में जांच के आदेश दिए जाते हैं तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी और अपना दल (एस) के बीच टकराव बढ़ाने के आसार बन जाएंगे.