ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर आज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) बनारस की अदालत में रिपोर्ट दाखिल कर सकती है. पिछले कई बार से ASI अदालत से वक्त मांग रही है. संस्था कोर्ट से कहती रही है कि उनकी रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार नहीं है. हालांकि, आज इस रिपोर्ट के दाखिल होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस दौरान विष्णु जैन समेत सभी पक्षों के वकील अदालत में मौजूद रहेंगे.
बीते 30 नवंबर को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ASI ने 3 हफ्तों का समय मांगा था. इस पर जिला जज ने 10 दिनों का वक्त ASI को दे दिया था, जो आज यानी कि 11 दिसम्बर को पूरा हो रहा है. एएसआई को तीसरी बार जिला जज की अदालत से ज्ञानवापी मस्जिद के किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए वक्त मिला था.
सर्वे रिपोर्ट से खुलेगा अंदर का राज
बता दें कि कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद में करीब 100 दिनों तक सर्वे कराया गया. इस दौरान दोनों पक्षों के लोग, ASI के साइंटिस्ट और स्थानीय प्रशासन के लोग शामिल रहे. सर्वे की वीडियोग्राफी भी कराई गई. कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सबमिट हो जाने के बाद यह पता चल सकेगा कि ज्ञानवापी परिसर में आखिर है क्या?
कई बार मांगा जा चुका है समय
गौरतलब है कि ज्ञानवापी में सर्वेक्षण का काम काफी समय पहले ही समाप्त हो गया था. इसके बाद ASI ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था. अंतिम डेडलाइन 18 नवंबर को बढ़ाई गई थी, तब ASI ने 15 दिन और मांगे थे. हालांकि,कोर्ट ने इसके लिए 10 दिन की इजाजत दी थी. जिसकी समयसीमा 28 नवंबर को खत्म हो चुकी थी, लेकिन इसके बाद फिर समय मांग लिया गया.
मुस्लिम पक्ष ने की थी रोक की मांग
इसी साल 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर बाकी परिसर के ASI के सर्वे का आदेश दिया था. तीन दिनों बाद ASI की तरफ से ज्ञानवापी का सर्वे 24 जुलाई को शुरू कर दिया गया. लेकिन मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई अर्जी के तहत सर्वे पर रोक लगा दी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद 4 अगस्त से एक बार फिर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कार्य शुरू हुआ.