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कबाड़ बेचकर बनाया कला संग्रहालय, लेखकों और कलाकारों को मिलेगा मंच

मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority) ने कबाड़ बेच कर ऐसा मंच तैयार किया है, जहां लेखकों व कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सकेगा. इस कला संग्रहालय नाम 'चौपला' रखा गया है. यहां लोग अपनी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगा सकेंगे, वहीं लेखक अपनी पुस्तक का विमोचन कर सकते हैं. इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा.

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मेरठ में बनाया गया कला संग्रहालय.
मेरठ में बनाया गया कला संग्रहालय.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority) की इमारत में काफी दिनों से जमा हो रहे कबाड़ को बेचकर बिल्डिंग के बेसमेंट में एक कला संग्रहालय तैयार किया गया है. इस संग्रहालय का नाम 'चौपला' रखा गया है. यह कला संग्रहालय उन लोगों के लिए है, जो अपनी कला को सामने लाना चाहते हैं. ऐसे लोग 'चौपला' कला संग्रहालय में अपनी प्रदर्शनी भी लगा सकते हैं. इसके लिए कोई निशुल्क नहीं पड़ेगा.

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चौपला कला संग्रहालय को मेरठ विकास प्राधिकरण की बिल्डिंग बेसमेंट में बनाया गया है. यह जगह कभी पार्किंग और डंपिंग यार्ड के लिए इस्तेमाल हो रही थी. यहां काफी कबाड़ भरा था. मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडे की पहल पर इस डंपिंग यार्ड में पड़ा कबाड़ 25 लाख रुपये में बिका. कला संग्रहालय को तैयार करने में 18 लाख रुपये का खर्च आया.

प्राधिकरण की ओर से जनता को आकर्षित करने के लिए मेरठ में बनने वाले स्पोर्ट्स के सामान, मेरठ के कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग और मेरठ का अट्ठारह सौ सत्तावन का इतिहास, साथ ही मेरठ में बनने वाली कैंची और क्रिकेट बैट आकर्षण का केंद्र हैं.

मेरठ में कबाड़ बेचकर तैयार किया कला संग्रहालय, लेखकों और कलाकारों को मिलेगा मंच

युवाओं को मिलेगा मंच, कर सकेंगे प्रतिभा का प्रदर्शन

प्राधिकरण ने इस कला संग्रहालय की परिकल्पना ऐसे मंच के रूप में की है, जहां युवा अपनी प्रतिभा दिखा सकें. यहां बाकायदा एक मंच भी बनाया गया है, जहां पर कोई कलाकार, पेंटर अपनी पेंटिंग तैयार कर सकेगा और प्रदर्शनी भी लगा सकेगा. संग्रहालय में जितनी भी पेंटिंग्स लगी हैं, वह मेरठ के कलाकारों द्वारा डोनेट की गई हैं.

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आर्ट गैलरी में दिखेगा मेरठ का इतिहास

संग्रहालय में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि लोग अपनी कलाकृतियों को यहां लगा सकें. संग्रहालय में मेरठ के अट्ठारह सौ सत्तावन की यादों को भी ताजा किया गया है.

प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के निर्देश हैं कि सरकारी कार्यालय को स्वच्छ एवं आमजन के लिए आकर्षक बनाया जाए. आमजन का जब सरकारी कार्यालय में आना जाना बढ़ता है तो कार्यों में पारदर्शिता आती है.

बिल्डिंग के बेसमेंट में जमा था कबाड़

अधिकारियों ने कहा कि जन सामान्य से जो हमें सुझाव मिलते हैं, उससे हमारी कार्यपद्धति भी सुधरती है. हमारे यहां बिल्डिंग के बेसमेंट में काफी ऐसी चीजें थीं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा था. कबाड़ के रूप में रखी थीं. इससे बिल्डिंग का तो नुकसान हो रहा था, साथ ही कार्यालय की छवि भी स्वच्छ कार्यालय के रूप में नहीं बन रही थी. इस वजह से हमने निर्णय लिया कि हम पूरे स्पेस का कायाकल्प कराकर एक कम्युनिटी आर्ट गैलरी की स्थापना करें.

मेरठ में कबाड़ बेचकर तैयार किया कला संग्रहालय, लेखकों और कलाकारों को मिलेगा मंच

आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने के लिए तैयार की है आर्ट गैलरी

एक प्राधिकरण होने के नाते भविष्य के मेरठ की परिकल्पना में आम जनमानस की सहभागिता बढ़ाने के लिए भी आर्ट गैलरी का निर्माण किया गया है. कला के माध्यम से हमारे नागरिक हमें बता दें कि वह भविष्य का मेरठ कैसा चाहते हैं.

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अभिषेक पांडे ने बताया कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में चौराहे को आम बोलचाल की भाषा में चौपला नाम दिया गया है. हमारा मानना है कि पूरे भारत में किसी भी शहर में शहर की जो मुख्य चर्चाएं होती हैं, वह किसी न किसी चौक चौराहे पर होती हैं. हम चाहते थे इस आर्ट गैलरी के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक जुड़ें, इसलिए इसका नाम चौपला रखा गया है.

आर्ट गैलरी में लेखक कर सकते हैं अपनी पुस्तक का विमोचन

मेरठ की इस आर्ट गैलरी में कोई भी लेखक अपनी पुस्तक का विमोचन कर सकता है या कोई अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगा सकता है. इसमें पूरी निशुल्क व्यवस्था है. कोई भी आमजन इस स्थल का फायदा उठा सकता है. आज यहां 350 के आसपास पेंटिंग लगी हैं. एक भी कलाकृति खरीदी नहीं गई है. इस गैलरी में मेरठ में कुटीर उद्योग और उद्योगों के लिए भी जगह दी गई है.

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