प्रयागराज के कसारी-मासरी इलाके में मौजूद कब्रिस्तान में अतीक के बेटे असद की कब्र खोदी गई है. अतीक के माता-पिता की कब्र के पास ही बेटे असद को भी दफनाया जाएगा. वहीं, असद के साथ मारे गए मोहम्मद गुलाम को भी इसी कब्रिस्तान से दफनाया जाएगा.
जानकारी सामने आई है कि दोनों के शव परिजनों को नहीं सौंपे जाएंगे. आज पुलिस की निगरानी में ही शवों को झांसी से प्रयागराज लाया जाएगा और फिर सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. पुलिस का कहना है कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए यह व्यवस्था की गई है.
बता दें कि असद और गुलाम का गुरुवार को झांसी के पारीछा डैम इलाके में एनकाउंटर कर दिया गया था, जिसके बाद उनका गुरुवार देर रात पोस्टमार्टम किया गया. आज उनके शवों को प्रयागराज लाया जा रहा है. फिर उनको दफनाया जाएगा.
बेटे के जनाजे में शामिल नहीं हो सकेगा अतीक
इस कब्रिस्तान की दूरी धूमलगंज थाने से 5 किमी है या फिर यूं कहें कि 15 मिनट का रास्ता थाने से कब्रिस्तान तक का है. फिर भी अतीक अहमद बेटे के जनाजे में शामिल नहीं हो सकेगा और न ही कब्रिस्तान आ सकेगा. वहीं, उमेश पाल का घर भी इस कब्रिस्तान से 5 किमी की दूरी पर है. 24 फरवरी को असद, गुलाम, गुड्डू ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उमेश पाल की उसके घर के आगे गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी.
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साढ़े छह फीट लंबाई और आठ फीट है कब्र
आजतक से बातचीत करते हुए कब्र खोदने वाले मजदूर ने कहा कि कब्र की लंबाई साढ़े 6 फीट, चौड़ाई ढाई फीट और गहराई 8 फीट रखी गई है. व्यक्ति ने बताया कि चार मजदूर मिलकर कब्र को खोद रहे हैं.
मजदूर ने आगे बताया कि अतीक अहमद के पिता के इंतकाल के बाद उनकी कब्र कब को उसके पिता ने ही खोदा था. वहीं, अतीक की मां के देहांत के बाद जिस कब्र में उन्हें दफनाया गया था वह कब्र भी उसने ही खोदी थी. असद को भी उसके दादा-दादी की कब्र के पास ही दफनाया जाएगा.
अशरफ और गुलाम नहीं चाहते थे कि असद हत्याकांड में शामिल
असद बरेली जेल में बंद अशरफ और एनकाउंटर में मारा गया शूटर मोहम्मद गुलाम नहीं चाहते थे कि असद उमेश पाल हत्याकांड में शामिल हो, लेकिन अतीक अहमद की जिद पर असद को उमेश पाल हत्याकांड में शामिल किया गया. इसके बाद उसने गोली चलाई थी. सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद ने कहा था कि वो 18 साल बाद चैन की नींद सोया.
शाइस्ता ने अतीक से कहा था- असद बच्चा है, उसे इस मामले से दूर रखना था
सूत्रों का दावा है कि उमेश की हत्या के बाद पत्नी शाइस्ता ने अतीक अहमद को साबरमती जेल में फोन किया था. असद का नाम और फुटेज सामने आने के बाद शाइस्ता ने अतीक अहमद से नाराजगी जताई थी. फोन पर शाइस्ता ने रोते हुए कहा था कि असद बच्चा है, उसे इस मामले में नहीं लाना चाहिए था.