असद और गुलाम एनकाउंटर मामले में डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया है. घटना के बारे में सिटी मजिस्ट्रेट के यहां बयान दर्ज कराये जा सकते हैं. दरअसल, असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद इस पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. विपक्ष इसे लेकर कई तरह के तर्क दे रहा है. जिस जगह एनकाउंटर हुआ और घटनास्थल पर मिली बाइक को लेकर भी कई सवाल किए जा रहे हैं, जिन्हें देखते हुए डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
डीएम की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है, कि इस घटना के सम्बन्ध में यदि किसी को कोई जानकारी हो अथवा कोई साक्ष्य किसी देना चाहता हो तो वह कार्यालय नगर मजिस्ट्रेट, झांसी के कक्ष में प्रकाशन की तिथि से तीन दिवस के अन्दर सुबह 10 बजे से शाम 04 बजे तक उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज करा सकता है.
एनकाउंट पर उठे थे कई सवाल
बता दें कि यूपी एसटीएफ ने अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम का झांसी में एनकाउंटर कर दिया था. एसटीएफ ने असद और गुलाम का एनकाउंटर पारीछा डैम के पास उस जगह पर किया था जहां आगे का रास्ता बंद था. इसके अलावा, जब असद बाइक चला रहा था और उसे गोली लगी तो उसकी बाइक पर कोई खरोंच भी नहीं आई. घटनास्थल से बाइक की चाभी भी नहीं मिली ऐसे में असद के एनकाउंटर को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे.
डेढ़ महीने से ट्रेस कर रही थी पुलिस
इस एनकाउंटर पर यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने कहा था कि एसटीएफ की टीम पिछले डेढ़ महीने से असद अहमद और गुलाम को ट्रेस कर रही थी. उन्होंने कहा कि एक बार तो शूटर गुलाम केवल पांच मिनट की देरी से मिस हो गया था, लेकिन इस बार टीम को सफलता मिल गई. टीम ने असद और गुलाम को झांसी में लोकेट कर लिया था.
अतीक के परिवार की बढ़ी मुसीबत
उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद के परिवार की मुसीबत बढ़ गई है. अतीक अहमद का आधा परिवार पहले से ही जेल में बंद है. इसी बीच उमेश पाल की हत्याकांड के बाद परिवार के बाकी सदस्य गायब हो गए थे. हत्याकांड के पहले से ही अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. उसके पांच बेटों में बड़ा बेटा उमर और दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद जेल में है.