scorecardresearch
 

'मूर्तियां, चिह्न, आकृतियां, दरवाजे और घड़े के टुकड़े...,' ज्ञानवापी में ASI सर्वे में क्या-क्या मिला? कोषागार के डबल लॉक रूम में रखा गया सामान

वाराणसी की ज्ञानवापी में तीन महीने तक चले ASI के सर्वे में कई सामग्रियां मिली हैं. इस संरक्षित सामग्री को अपर जिलाधिकारी प्रोटोकॉल को सौंप दिया गया है. बताया जा रहा है कि संरक्षित की गई सामग्री में मूर्तियां, चिह्न, आकृतियां, दरवाजे और घड़े के टुकड़े शामिल हैं. जरूरत पड़ने पर इस सामग्री को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

Advertisement
X
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई ने सर्वे किया है. (File Photo)
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई ने सर्वे किया है. (File Photo)

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में तीन महीने से चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे में मूर्तियां, चिह्न, आकृतियां, दरवाजे और घड़े के टुकड़े मिले हैं. इन संरक्षित सामग्री को जिला प्रशासन (अपर जिलाधिकारी प्रोटोकॉल) को सौंप दिया गया है. जरूरत पड़ने पर इस सामग्री को कोर्ट में पेश किया जाएगा. 17 नवंबर को ASI सर्वे की रिपोर्ट जिला जज की कोर्ट में दाखिल की जाएगी. 

Advertisement

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में 93 दिन तक ASI का सर्वे चला. इस दौरान 250 से ज्यादा सामग्रियां जुटाई गईं. सोमवार को ASI की टीम ने ज्ञानवापी पहुंचे अपर जिलाधिकारी प्रोटोकॉल बच्चू सिंह को यह सामग्री सुपुर्द कर दी है. दोपहर बाद संरक्षित की गई सभी सामग्रियों को ASI की देखरेख में कलेक्ट्रेट के सभागार लाया गया. बाद में कोषागार के डबल लॉक रूम में संरक्षित कर दिया गया. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई और संरक्षित की गई सामग्री की सूची अपर जिलाधिकारी प्रोटोकॉल को सौंप दी गई. इसकी एक प्रति जिला जज की अदालत में भी दाखिल कराई गई.

'ASI को सर्वे में 250  से ज्यादा सामग्रियां मिलीं'

सूत्रों के मुताबिक, करीब तीन महीने तक चले ASI सर्वे में दैवीय युगल, सजावटी ईंटें, दरवाजे के टुकड़े, चौखट के अवशेष समेत कुल 250 से ज्यादा सामग्रियों को जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है. जरूरत पड़ने पर जिला जज के आदेश पर जिला प्रशासन इसे कोर्ट में प्रस्तुत करेगा.  

Advertisement

'24 जुलाई से शुरू हो गया था सर्वे'

बताते चलें कि इसी साल 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर ASI के सर्वे का आदेश दिया था. तीन दिनों बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 24 जुलाई को शुरू कर दिया गया था, लेकिन मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई अर्जी के तहत सर्वे पर रोक लगा दी गई. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद 4 अगस्त से एक बार फिर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सील वजूखाने को छोड़कर ASI सर्वे का काम शुरू हो गया. 

'17 नवंबर को रिपोर्ट सौंपेगा ASI'

इस दौरान सर्वे की मियाद खत्म होने पर एएसआई की तरफ से किए गए मांग के बाद जिला जज ने तीन बार और सर्वे करने की अनुमति एएसआई को दी. इसी कड़ी में 3 नवंबर को ASI की ओर से जिला जज के कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सौंपने की मियाद खत्म हो रही थी. इसके पहले 2 नवंबर को जिला जज की अदालत में ASI के वकीलों ने जानकारी दी थी कि सर्वे की कार्रवाई पूरी हो गई है और रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन की मोहलत और दी जाए. जिसको मंजूर करते हुए जिला जज ने ASI को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट 17 नवंबर को सबमिट करने का आदेश दे दिया था.

Live TV

Advertisement
Advertisement