scorecardresearch
 

उमेश की हत्या से लेकर अतीक-अशरफ के मर्डर तक... 2 दशक पुरानी अदावत का खौफनाक अंत

Atiq Ahmed and Ashraf Ahmed Murder: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. दोनों को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास तीन हमलावरों ने मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

Advertisement
X
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या. (फाइल फोटो)
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या. (फाइल फोटो)

यूपी का प्रयागराज जिला एक बार फिर गोलियों की गूंज से थर्रा उठा है. यूं तो प्रयागराज कई खौफनाक वारदातों का गवाह रहा है, मगर, अधिकतर वारदातें माफिया अतीक अहमद के इर्द-गिर्द ही घूमती रहीं. माफिया का खौफ ऐसा था कि कोई उसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करता था. लेकिन एक साल ऐसा आया जिसने ऐसी पटकथा लिख दी, जिसकी कल्पना अतीक या सूबे में किसी ने भी नहीं की थी.

Advertisement

दरअसल बसपा के टिकट पर राजू पाल ने 2004 में अतीक अहमद (Atiq Ahmad) के छोटे भाई मोहम्मद अशरफ के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या कर दी गई. इस हत्या का आरोप अतीक और अशरफ के साथ ही माफिया के गैंग के अन्य लोगों पर लगा. इस हत्याकांड में उमेश पाल गवाह थे. 

साल 2006 में हुआ था उमेश का अपहरण

साल 2006 में अतीक अहमद ने उमेश का अपहरण करवा लिया था. इसके साथ ही राजू पाल हत्याकांड में अतीक ने उमेश से अपने पक्ष में गवाही भी करवा ली थी. मगर, उमेश पाल ने अतीक पर किडनैपिंग का केस दर्ज करवाया. इस मामले में इसी साल 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट में पेश हुए थे. इसके अगले दिन कोर्ट में अतीक की तरफ से बहस होनी थी. मगर, अतीक के शूटर्स ने उमेश की हत्या कर दी. इस हत्याकांड ने सड़क से लेकर सदन तक घमासान मचा दिया था.

Advertisement

सदन में सीएम बोले- माफिया को मिट्टी में मिला देंगे

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सदन (विधानसभा) में दो टूक कहा कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. इस बयान के साथ ही यूपी पुलिस भी एक्शन आई और आरोपियों के खिलाफ मोर्चा संभाला. हत्याकांड के तीसरे दिन पुलिस ने पहला एनकाउंटर किया. इसमें अरबाज नाम के बदमाश को ढेर कर दिया. ये एनकाउंटर नेहरू पार्क के जंगल में हुआ था. 

6 मार्च को  विजय कुमार का एनकाउंटर

इसके बाद 6 मार्च को एक और आरोपी विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी एनकाउंटर में मारा गया. पुलिस और उस्मान के बीच ये मुठभेड़ प्रयागराज के कौंधियारा इलाके में हुई. उस्मान वो शूटर था, जिसने उमेश पाल को पहली गोली मारी थी.

ये भी पढ़ें- 'मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम...', हथकड़ी में बंधे अशरफ के आखिरी शब्द और फिर...
 

इसके बाद 13 अप्रैल को दो और शूटर मारे गए. ये एनकाउंटर माफिया अतीक के लिए व्यक्तिगत क्षति था. इसमें उसने अपना बेटा खो दिया था. बेटे की मौत के बाद अतीक टूट गया था. इसी बीच पुलिस कस्टडी में आने के बाद अतीक कई बार मीडिया के सामने आया. मगर, कुछ भी बोलने से इनकार करता रहा. इसकी वजह ये थी कि वो बेटे को खोने के गम से टूटा हुआ था.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 'अल्लाह की देन था, अल्लाह ने ले लिया...', असद के एनकाउंटर पर बोला अतीक का भाई अशरफ
 

इन सबके बीच किसी ने भी ये कल्पना नहीं की थी कि दो दशक पहले राजू पाल की हत्या के बाद मुसीबतों में घिरने वाले अतीक और उसके भाई का इस तरह खात्मा होगा. प्रयागराज पुलिस दोनों को मेडिकल जांच के लिए हॉस्पिटल पहुंची थी. इसी दौरान पुलिस सुरक्षा घेरे में घुसकर तीन हमलावरों में से एक ने पहले अतीक के सिर में पिस्टल सटाकर फायर किया. इसके बाद सभी ने कई राउंड फायरिंग करके दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया.


 

Advertisement
Advertisement