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अतीक-अशरफ मर्डर के सवाल पर बिफरे मंत्री नंदी, बोले- क्या माइक मुंह में घुसाकर पूछोगे...

अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद पहली बार मंत्री नंद गोपाल नंदी मीडिया के सामने आए. हालांकि, इस दौरान वो हत्याकांड को लेकर मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. इतना ही नहीं सवाल किए जाने पर मंत्री बिफर गए. बताते चलें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक की बहन ने मंत्री नंदी पर गंभीर आरोप भी लगाए थे.

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माफिया अतीक अहमद और मंत्री नंद गोपाल नंदी की फाइल फोटो.
माफिया अतीक अहमद और मंत्री नंद गोपाल नंदी की फाइल फोटो.

यूपी के मिर्जापुर में छानबे विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में अपना दल (S) प्रत्याशी रिंकी सिंह कोल ने नामांकन कराया है. उनके साथ कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी भी जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान वो प्रयागराज में हुए अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड को लेकर मीडिया के सवालों से बचते नजर आए.

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हत्याकांड के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए कैबिनेट मंत्री से जब अतीक-अशरफ मर्डर केस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव पर बात करिए. सवाल पूछे जाने से मंत्री नंद गोपाल कुछ इस कदर बिफर गए कि उन्होंने कहा, क्या मुंह में माइक घुसाकर सवाल पूछोगे.

माफिया की बहन ने मंत्री पर लगाया था गंभीर आरोप

बता दें कि प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद की बहन ने मंत्री नंदगोपाल नंदी पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मंत्री नंदी ने अतीक अहमद से 5 करोड़ रुपये उधार लिए थे, अब मांगने पर नहीं दे रहे हैं. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता ने भी मंत्री नंदी और उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता पर उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद को फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

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गौरतलब है कि 24 फरवरी को प्रयागराज की सड़कों पर दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज देखकर हर कोई सहम गया था. चारों ओर से शूटर्स ने उमेश पाल और उनके दो गनर्स पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं. इतना ही नहीं बम भी फेंके गए थे. वहीं, इस हत्याकांड के 50 दिन बाद प्रयागराज में फिर शूटआउट देखा गया. 

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तीन शूटर्स ने 18 सेकेंड में 18 गोलियां दाग कर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को छलनी कर दिया था. अतीक और अशरफ न सिर्फ राजू पाल मर्डर केस में मुख्य आरोपी थे, बल्कि उमेश पाल हत्याकांड में भी दोनों पर जेल से साजिश रचने का आरोप था.

उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से 6 की मौत

27 फरवरी: पुलिस ने अतीक अहमद के करीबी अरबाज को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. उमेश पाल की हत्या में शूटरों ने जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया था, उसे अरबाज ही चला रहा था. अरबाज, अतीक अहमद की गाड़ी भी चलाता था. 

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6 मार्च: प्रयागराज के लालापुर इलाके का रहने वाला विजय चौधरी माफिया अतीक अहमद का शार्प शूटर था. उसने ही उमेश पर सबसे पहले फायरिंग की थी. विजय चौधरी को यूपी पुलिस ने 6 मार्च को प्रयागराज के कौंधियारा में एनकाउंटर में मार गिराया था. 

13 अप्रैल: अतीक के बेटे असद और गुलाम को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया गया था. दोनों पर उमेश पाल पर फायरिंग का आरोप था. उमेश पाल की हत्या का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, उसमें भी दोनों फायरिंग करते नजर आए थे.

15 अप्रैल: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस घेरे में इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया था. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं.


 

 

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